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मिस इंडिया 2020ः हिम्मत के दम पर छू लिया आसमां

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 19 Feb, 2021 11:09 AM
मिस इंडिया 2020ः हिम्मत के दम पर छू लिया आसमां

10 फरवरी को आयोजित किए गए फेमिना मिस इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले में तेलंगाना की मानसा वाराणसी के सिर विजेता का ताज सजा। मान्या सिंह, फर्स्ट रनरअप और मनिका श्योकंद सेकेंड रनरअप रहीं।  

एक विचार से मिली प्रेरणा और बदल गई मानसा की जिंदगी

'आपकी जिंदगी में तब तक कुछ असाधारण नहीं होगा, जब तक कि आप खुद कुछ ऐसा करने की ओर कदम नहीं बढ़ाएंगे।' मानसा की जिदंगी में इस कोट ने अहम भूमिका निभाई। इन लाइनों से प्रेरित होकर मानसा ने पढ़ने के बाद, मिस इंडिया में हिस्सा लेने का भी फैसला किया।

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मिस तेलंगाना भी रह चुकी हैं

पेश से फाइनेंशियल एक्सचेंज इन्फॉर्मेशन एनालिस्ट मानसा इससे पहले मिस तेलंगाना भी रह चुकी हैं। उनके पास कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन की डिग्री है। आर्ट और भरतनाट्यम में रुचि रखने वाली मानसा ने 8 साल की उम्र से ही भरतनाट्यम व 4 साल की उम्र से ही क्लासिकल संगीत सीखना शुरू कर दिया था।

NGO से भी जुड़ी हैं

23 साल की मानसा कई NGO से जुड़ी हैं जिसके जरिए वह बच्चों की शिक्षा को लेकर काम करती हैं।

मान्या सिंह की इंस्पायरिंग स्टोरी

विजेता ना होने के बावजूद उत्तरप्रदेश की मान्या सिंह की इंस्पायरिंग लाइफस्टोरी सोशल मीडिया में छाई हुई है। मान्या के लिए यहा तक पुहंचने का रास्ता आसान नहीं था। लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया।

गरीबी के संघर्ष में खून, पसीना और आंसू ही बने हिम्मत

मान्या के पिता ओमप्रकाश सिंह ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं और मां मनोरमा देवी टेलर की दुकान चलाती हैं। इस कमाई से घर का खर्च मुश्किल से हो पाता था। हालात ऐसे थे कि कई बार भूखा भी सोना पड़ता था। पैसे बचाने के लिए कई कि.मी. पैदल भी चलना पड़ता था। माता पिता ने पढ़ाई के लिए कई बार गहने गिरवी रखें।

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मान्या ने कहा, 'मैंने बिना खाए-पीए कई रातें बिताई हैं। मैं ना जाने कितनी दोपहर में मीलों पैदल चली। मेरा खून, पसीना और आंसू मेरी आत्मा के लिए खाना बने, जिससे मैंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई।'

हिम्मत और मेहनत के बल पर ही मान्या आगे बढ़ती गई और आज उसी दम पर उन्होंने अपने सपने पूरे कर दिखाए।

हरियाण की मनिका के लिए कभी मां बाप को लोगों ने दिए थे ताने

सेकेंड रनरअप रही मनिका श्योकंद के जन्म पर उनके माता-पिता को ताने सुनने पड़े थे क्योंकि घर में दूसरी बेटी पैदा हो गई थी। वह बचपन से ही "लड़कियां बोझ होती हैं" की लोगों की मानसिकता को बदलना चाहती हैं और कई सामाजिक कार्यों में भी जुटी हुई है। इससे पहले मनिका "मिस हरियाणा" का टाइटल भी अपने नाम कर चुकी हैं।

एक साल नोएडा में नौकरी के बाद उन्होंने मॉडलिंग में करियर बनाने का फैसला किया। इस लाइन में करियर बनाने में उनकी बहन ने उन्हें पूरा सहयोग दिया। आगे उनका सपना व ल मिस वर्ल्ड बनने का है।

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मनिका ने पढ़ाई के साथ साथ स्पोर्ट्स में भी काफी मेहनत की। उन्होंने MBA की डिग्री भी हासिल की और वह नेशनल लेवल नेटबॉल प्लेयर भी हैं। जिस बेटी के लिए माता-पिता ने ताने सुने उसी ने माता-पिता का सिर शान से ऊंचा कर दिया । मनिका के माता पिता को बेटी पर गर्व है।

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