एक महिला के लिए जिदंगी में वह पल सबसे मुश्किल होता है जब वह विधवा हो जाती है। पति के जाने के बाद उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। खुद को संभालना उनके लिए बहुत मुश्किल होता है। मगर आज हम आपको एक एेसी महिला के बारे में बताएंगे जो पति के शहीद होने के बाद हारी नहीं बल्कि हिम्मत जुटा कर लड़ती रही कभी अपने लिए तो कभी अपनी बेटी के लिए। सब मुश्किलों को पार करके आज वह लेफ्टिनेंट बन गई। यह कहानी है जम्मू-कश्मीर के सांबा की रहने वाली नीरू संब्याल की। नीरू संब्याल सेना के शहीद रवींद्र संब्याल की पत्नी हैं। रवींद्र संब्याल (रवींदर संब्याल) 2015 शहीद हो गए थे।
- शहीद पति का सपना किया पूरा
रविंदर की पत्नी नीरू संब्याल ने अपने पति का अधूरा सपना पूरा करते हुए सफलतापूर्वक अपना सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर लिया और वह अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हो गई हैं।
- बेटी से मिली सेना में शामिल होने की प्रेरणा
नीरू आर्मी ज्वॉइन करने के पीछे बेटी को प्रेरणा मानती हैं। अपनी लाडली से प्रेरित होकर ही उन्होंने आर्मी ज्वाइन करने का फैसला लिया। इसके साथ ही राजपूत परिवार से होने के कारण नीरू के सामने कई सामाजिक चुनौतियां थी। मगर उनकी सास और ससुर ने उनकी राह आसान बना दी।
- पहले ही प्रयास में क्लियर किया एसएसबी
उन्होंने पहले ही प्रयास में एसएसबी क्लियर कर लिया और एकमात्र वैकेंसी पर अपना स्थान पक्का कर लिया। नीरू ने बताया,' वह ट्रेनिंग के दौरान अपनी बेटी को बहुत मिस किया करती थी। ट्रेनिंग के शुरूआती 2 महीने तो बहुत मुश्किल भरे थे।'
- 2013 में हुई थी शादी
नीरू और रविंदर की शादी 2013 में हुई थी। शादी के 3 साल बाद ही शहीद हो गए थे। नीरू ने कहा,'उनके पति की शहीदी के बाद आर्मी ने उनके पूरे परिवार की सहायता की। इसके अलावा अगर मुझे कुछ हो जाता है तो मैं जानती हूं कि वे लोग मेरी बेटी के लिए मौजूद रहेंगे।'
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