भारतीय परंपरा में वास्तु का विशेष स्थान है। वास्तु के मुताबिक घर की प्रत्येक चीजों का निश्चित स्थान और दिशा होती है। घर के अंदर की चीजों को वास्तु के मुताबिक रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर के दरवाजों और खिड़कियों के बारे में भी वास्तु में विस्तार से बताया गया है। अगर आप भी घर में नया दरवाजा लगवा रहे हों या पुराने की मुरम्मत करवा रहे हों तो वास्तु की इन बातों का ध्यान रखें—
• घर में एक पलड़े वाला दरवाजा न लगवाएं। वास्तु में इसे शुभ नहीं माना जाता। इसकी तुलना में दो पल्लों वाला दरवाजा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है
•वास्तु के मुताबिक दरवाजों के खुलने और बंद होने पर उनमें से आवाज नहीं आनी चाहिए। ऐसा हो रहा हो, तो उन्हें ठीक करवाएं या बदलवा दें।
•कई बार टेढ़ा होकर दरवाजा फर्श से घिसटने लगता है। वास्तु के अनुसार ऐसे दरवाजों के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है या मान-मर्यादा को ठेस लग सकती है। इनकी तुरंत मरम्मत करवाएं।
•घर के दरवाजे न बहुत लंबे होने चाहिएं और न ही छोटे। ऐसा होने पर वास्तुदोष माना जाता है। दरवाजों की लंबाई औसत रखवाएं।
•आजकल कई मैटीरियल के दरवाजे आने लगे हैं लेकिन वास्तु के अनुसार दरवाजे और खिड़कियां लकड़ी के ही होने चाहिएं जिनमें हवा, पानी और धूप सहने की क्षमता हो।