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महाशिवरात्रि 2025: जानें किन लोगों को नहीं करना चाहिए व्रत, जानें जरूरी नियम

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 25 Feb, 2025 12:21 PM
महाशिवरात्रि 2025: जानें किन लोगों को नहीं करना चाहिए व्रत, जानें जरूरी नियम

नारी डेस्क: महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव की भक्ति में समर्पण का प्रतीक है और ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस दिन की पूजा और व्रत से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। महाशिवरात्रि का व्रत करने से सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन इस व्रत को करने से पहले कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है। शिव पुराण में महाशिवरात्रि व्रत के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं, जिनके बारे में जानना आवश्यक है।

महाशिवरात्रि व्रत किन लोगों को नहीं रखना चाहिए?

शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत सभी को नहीं करना चाहिए। खासतौर पर गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और वे महिलाएं जिन्हें पीरियड्स (माहवारी) हो रहे हों, उन्हें महाशिवरात्रि का व्रत नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को पोषक और संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। वहीं, माहवारी के दौरान महिलाओं का शारीरिक स्वास्थ कुछ हद तक कमजोर होता है, इसलिए इस समय व्रत से बचना चाहिए।

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महाशिवरात्रि व्रत कैसे करें?

महाशिवरात्रि व्रत के एक दिन पहले, यानी त्रयोदशी तिथि को, भक्तों को केवल एक बार भोजन करना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्रत के दिन पाचन तंत्र में कोई अपचित भोजन शेष न रहे। व्रत का संकल्प शिवरात्रि के दिन, भक्तों को नित्य कर्म करने के बाद केवल फलाहार या निराहार व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन सभी प्रकार के भोजन से दूर रहना चाहिए। महाशिवरात्रि व्रत के दिन पवित्र स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। स्नान के जल में काले तिल डालने से शरीर और आत्मा का शुद्धिकरण होता है। यदि संभव हो, तो गंगा स्नान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है।

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पूजा विधि: रात्रि के चारों प्रहर में अभिषेक पूजा की जाती है। इसके लिए मिट्टी का शिवलिंग बनाकर जल और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। पूजा के दौरान दुग्ध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी, बेलपत्र, मदार के फूल, भांग, गुलाल और जल जैसी सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है।

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मंत्र जाप: पूजा के समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है।

व्रत का समापन: महाशिवरात्रि व्रत का समापन चतुर्दशी तिथि के पश्चात किया जाता है।

महाशिवरात्रि 2025: महासंयोग

महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन एक विशेष महासंयोग भी बन रहा है, जो पिछले 149 वर्षों में कभी नहीं हुआ।

महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली होता है, लेकिन यह व्रत सभी के लिए नहीं है। यदि आप इस व्रत को करने का विचार कर रहे हैं, तो पहले इसके नियमों और विधियों को समझ लें। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले अपने डॉक्टर से या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी प्रकार की धार्मिक मान्यता या दवा का विकल्प नहीं है।
 
 

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