04 NOVMONDAY2024 11:49:58 PM
Nari

जानिए क्या है मकर संक्रांति का महत्व और पूजन का समय ?

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 12 Jan, 2020 11:46 AM
जानिए क्या है मकर संक्रांति का महत्व और पूजन का समय ?

लोहड़ी के अगले दिन ही मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। लोग घरों में तिल के लड्डू बना कर खाते है और पतंग उड़ाते है। मकर संक्रांति मनाने के पीछे न केवल वैज्ञानिक बल्कि धार्मिक मान्यता भी है।चलिए बताते है आपको इस त्योहार से जुड़ी पौराणिक कथाएं।


मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

हर साल मकर संक्रांति लोहड़ी के अगले दिन मनाई जाती है लेकिन अगर यह शाम को आए तो वह अगली सुबह ही सेलिब्रेट की जाती है। इसलिए इस साल मकर संक्रांति 14 नहीं बल्कि 15 जनवरी को सेलिब्रेट की जाएगी। जिसके अनुसार संक्रांति पर स्नान करने का समय 15 जनवरी को सुबह है और संक्रांति काल 07:19 बजे, पुण्य काल 07:19 बजे और महापुण्य काल 07:19 से 09: 03 बजे तक है।

 

PunjabKesari


मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है ? 

मकर संक्रांति मनाने के पीछे एक नहीं बल्कि कई तरही की कहानियां शामिल है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार यह दिन पिता सूर्य और पुत्र शनि की मुलाकात के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन गुरु की राशि धनु में रहने वाला सूर्य ग्रह मकर यानि की शनिदेव की राशि में प्रवेश करता है। 

गंगा का हुआ था अवतरण

माना जाता है कि इस दिन धरती पर गंगा नदी का अवतरण हुआ था। जिस कारण इस दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं इस दिन गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में मिल गई थी। इसी वजह से इस दिन गंगा सागर पर मेला लगता है।

PunjabKesari

भीष्म पितामाह ने त्यागे थे अपने प्राण

महाभारत के दौरान भीष्म पितामाह ने अपने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का इंतजार किया था। माना जाता है सूर्य के उत्तरायण के समय शरीर त्यागने वाले या मृत्यु को प्राप्त करने वाली आत्माएं कुछ काल के लिए देवलोक में जाती है। जिससे उन्हें पुनजन्म से छुटकारा मिल जाता है और मोक्ष का प्राप्ति होती है। 

असुरो का हुआ था अंत 

इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत कर युद्ध समाप्ति की घोषणा की थी। इसलिए यह दिन बुराई पर अच्छाई का दिन भी माना जाता है। 

 

PunjabKesari

खाते है तिल-गुड़ के पकवान

सर्दी के मौसम में तापमान में आई गिरावट के कारण कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसे में इस दिन तिल-गुड़ से बनी चीजें खाई जाती है और बांटी जाती है क्योंकि तिल और गुड़ शरीर में गर्मी पैदा करते है। साथ ही इससे शरीर को कई तरह के पोषक तत्व मिलते है। इस दिन प्रसाद के तौर पर खिचड़ी बनाई जाती है।
 

लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP

Related News