हिंदुओं का पवित्र स्थल वैष्णों देवी मंदिर जग प्रसिद्ध पूजा स्थलों में से एक हैं। हर साल लाखों लोग इस मंदिर के दर्शन करने यहां आते हैं। मंदिर की खासियत यहां स्थित गुफा है। जम्मू-कश्मीर की वैष्णों पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर बहुत ही पूजनीय है। यहां पहुंचना कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं हैं। कट्टरा में स्थित इस मंदिर तक उधमपुर से एक ट्रेन जाती है। आप ट्रेन के जरिए आसानी से वैष्णों मंदिर पहुंच सकते हैं।
दो तरह की गुफाएं
मंदिर जाकर माता के दर्शनों के लिए भक्ततों को एक गुफा से होकर गुजरना पड़ता है। वह गुफा अपने अनेक रहस्यों से भरी पड़ी है। यहां पर दो तरह की गुफाएं हैं। एक तो प्राचीन गुफा और दुसरी मानव निर्मित गुफा, जिसे भक्तों की बढ़ती संख्या देख सरकार द्वारा 1977 में बनाया गया। ज्यादातर भक्तों को इसी गुफा से माता रानी के दर्शन करवाए जाते हैं। बहुत कम सौभाग्यशाली भक्त होते हैं जिन्हे प्राचीनकाल वाली गुफा से निकलकर माता के दर्शन नसीब होते हैं।
ज्यादातर भक्त प्राचीनकाल वाली गुफा से निकलकर ही माता के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मान्यता है कि मां वैष्णों ने भैरव नाम के राक्षस का इसी गुफा में वध किया था। माता की शक्ति को महसूस करने के लिए उनके भक्त यहां से गुजरने की ज्यादा इच्छा रखते हैं। ग्रंथों के अनुसार वध के बाद भैरव को अपनी गलती का एहसास हुआ था। इस पश्चाताप से प्रसन्न होकर मां वैष्णों ने भैरोनाथ को वरदान दिया कि मेरे दर्शन तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक मेरे बाद कोई भक्त तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।
गर्भजून गुफा
वैष्णों गुफा के साथ यहां गर्भजून गुफा भी स्थित हैं। ऐसी मान्यता है कि इस गुफा में मां 9 महीने तक उसी तरह रही थी, जिस तरह बच्चा मां के गर्भ में रहता है। कहां जाता है कि अगर कोई मनुुष्य इस गुफा में जाता है तो उसे आने वाले समय में गर्भ जून में नहीं पड़ना पड़ता। यानि कि वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।
तो ये थी मां वैष्णों की गुफा से जुड़ी कुछ खास बातें। इस बार जाएं तो इन सभी रहस्यों का आनंद लेना मत भूलें।
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