कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश परेशान है। संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के और भयानक होने की आशंका जताई है। विशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में बच्चों की सेहत को लेकर पेरैंट्स की टैंशन और बढ़ गई है। इससे घबराने की नहीं बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है। पेरैंट्स थोड़ी सी सावधानी बरतें तो वे अपने बच्चों को कोविड की तीसरी वेव से बचा सकते हैं।
बच्चों के लिए क्यों खतरनाक तीसरी लहर
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कोविड वैक्सीन के लिए एडल्ट्स पर ही फोकस किया गया था। किसी वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर नहीं किया गया। तीसरी लहर में अगर यह वायरस बच्चों में फैलता है तो ज्यादा खतरनाक हो सकता है। 2020 में कोरोना की पहली लहर में 50 साल से ऊपर के लोग और बुजुर्ग शिकार हुए थे। फिर जब 2021 में दूसरी लहर आई तो 31 से 50 साल के ऊपर के लोग और बुजुर्ग शिकार हुए थे।
बच्चों के लिए क्यों नहीं है वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल नहीं हुआ है। इसका ट्रायल 16 से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही किया गया था। इसलिए बच्चों के लिए अभी तक कोविड वैक्सीन नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन न लगाने की सलाह दी है।
क्या करें पेरैंट्स
- बच्चों की इम्यूनिटी करें स्ट्रॉग।
- रोजाना खिलाएं फल-सब्जियां, अंडा और जूस ।
-कमजोर और अन्य बीमारी का शिकार बच्चों पर दें ज्यादा ध्यान।
-बच्चों को डालें साफ-सफाई की आदत।
-बच्चों को बाहर ले जाने से बचें।
- बच्चों को बाहरी लोगों के संपर्क में ना आने दें।
- मास्क पहनाएं और समय-समय पर हाथ धुलवाते रहें।
घबराएं नहीं बरतें सावधानी
केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने भी कोरोना की तीसरी लहर से घबराने की जगह सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि अगर हम जरूरी गाइडलाइंस को फॉलो करें तो कोरोना की तीसरी लहर को कम किया जा सकता है। इसके लिए समय-समय पर जरूरी गाइडलाइन्स जारी की जा रही है।