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Kartik Maas 2024: रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते? जल चढ़ाते हुए जरूर बोले ये मंत्र

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 21 Oct, 2024 07:35 PM
Kartik Maas 2024: रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते? जल चढ़ाते हुए जरूर बोले ये मंत्र

नारी डेस्कः कार्तिक मास शुरू है और इस माह में भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और इस महीने में दीवाली का त्योहार भी आ रहा है। इस महीने में जितना धार्मिक पाठ पूजा की जाए उतना अच्छा है। विष्णु जी को समर्पित इस माह में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। अगर आपने अपने घर-आंगन में तुलसी मां का पौधा लगा रखा है तो तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय कर सकते हैं। तुलसी से जुड़े ये नियम आपके जीवन  में सुख- समृद्धि लेकर आएंगे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी ( Tulsi Puja 2024) को बहुत ही पवित्र पौधा माना जाता है। कार्तिक मास में हर दिन तुलसी की पूजा, दीप जलाने और परिक्रमा करने से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी का पौधा मां तुलसी का रूप है। देवी तुलसी, भगवान विष्णु के एक रूप भगवान शालीग्राम की पत्नी हैं। विष्णु जी ने देवी तुलसी को यह वरदान दिया था कि जिस पूजन में उनकी उपस्थिति नहीं होगी, उस पूजन को भगवान विष्णु स्वीकार नहीं करेंगे।

रविवार को क्यों नहीं तोड़ते तुलसी के पत्ते?  | Ravivar Ko Tulsi Kyon Nahin Todte

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन, देवी तुलसी विष्णु ध्यान में लीन रहती हैं और विश्राम करती हैं और बाकी के दिनों में वह जनकल्याण और अपने भक्तों के कल्याण के लिए उपस्थित रहती हैं। रविवार को तुलसी जी के ध्यान और विश्राम में कोई विघ्न ना आए इस कारण रविवार को तुलसी में जल अर्पित करने और तुलसी के पत्ते तोड़ने के लिए मना किया जाता है।

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इस दिन भी नहीं चढ़ाते तुलसी को जल | Tulsi Ko Kis Din Nahi Todna Chahiye

केवल रविवार को ही नहीं बल्कि एकादशी के दिन भी तुलसी में जल चढ़ाने और तुलसी के पत्ते तोड़ने को वर्जित माना गया है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन  तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। ऐसे में यदि आप उन पर जल अर्पित करेंगे तो उनका व्रत खंडित हो जाएगा। उनके पत्ते तोड़ने से उन्हें कष्ट होगा इसलिए हर रविवार और एकादशी पर तुलसी जी को दूर से ही प्रणाम किया जाता है।

घर में लगा है तुलसी का पौधा तो ये उपाय जरूर करें| Kartik Maas Me Tulsi Puja ki Vidhi

कार्तिक मास में रोजाना तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं लेकिन रविवार को ऐसा ना करें। इसके अलावा शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है। कार्तिक मास में सुबह-शाम दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें। मान्यता है कि तुलसी पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ध्यान रखें कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल न चढ़ाएं। कार्तिक मास के दौरान तुलसी जी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।

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कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान

गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से तुलसी मां को स्नान करने से भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। यह उपाय घर में बरकत बनाए रखता है, ऐसे परिवार में कभी धन की कमी नहीं आती।

तुलसी माता का भोग

भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। उन्हें अर्पित किए जाने वाले भोग में अगर तुलसी नहीं है तो वह अधूरा माना जाता है इसलिए कार्तिक माह में भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी का उपयोग जरूर करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

तुलसी की परिक्रमा

कार्तिक मास में तुलसी के पौधे की विशेष पूजा के साथ परिक्रमा भी की जाती है जिसमें पूजा करने के साथ 7, 11, 21, 51 या 108 परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी और पॉजिटिव एनर्जी का वास होगा।

तुलसी विवाह

कार्तिक माह में तुलसी विवाह भी किया जाता है। मां तुलसी को इस दिन पूजन के साथ सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, सिंदूर, बिछिया समेत अन्य श्रृंगार अर्पित करें। तुलसी पर लाल चुनरी चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

तुलसी पूजन से जुड़े नियम

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और अपने इष्ट देवी-देवता के ध्यान से दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और तुलसी माता को जल अर्पित करें। तुलसी को सिंदूर लगाएं, फूल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। तुलसी स्तोत्र पाठ और तुलसी आरती करें। आप फल व मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं।  

तुलसी माता का मंत्र क्या है? |Tulsi Mantra

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।। एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

तुलसी माता को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलें? Tulsi Mata ko Jal Chadne ka Mantra

तुलसी को जल चढ़ाते समय 'ॐ सुभद्राय नम:' का मंत्र जरूर बोलें इससे मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी को जल देते समय 'ॐ सुभद्राय नम:' मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें।आप  जल चढ़ाते समय अगर आप " महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी अधिक व्याधि हर नित्यम, तुलसी त्वं नमोस्तुते " मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। 

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तुलसी के पत्ते तोड़ते समय क्या बोलना चाहिए?

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।। मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।

याद रखें ये बातें

तुलसी को जल चढ़ाने से पहले कुछ खाना नहीं चाहिए और बिना स्नान किए जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
तुलसी को सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय जल चढ़ाना चाहिए।

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