भारतीय संस्कृति में गणेश चतुर्थी एक अलग ही महत्व रखता है। इस बार गणेश चतुर्थी का त्यौहार 22 अगस्त को शुरू हो रहा है जो 1 सितंबर तक चलने वाला है। लेकिन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। जी हां, ऐसी ही एक जगह है इंडोनेशिया, जहां के एक ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से पर 700 सालों ने गणपति विराजमान है।
ज्वालामुखी के लावों से करती है रक्षा
इंडोनेशिया के माउंट ब्रोमो ज्वालामुखी पर विराजी गणपति की मूर्ती के पीछे एक खास रहस्य छिपा है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि गणपति जी की ये मूर्ति 700 सालों से वहां पर है। उनकी मान्यता है कि ज्वालामुखी के ऊपरी हिस्से पर विराजे गणेश जी की मूर्ति उनकी फटते ज्वालामुखी से रक्षा करती है। यहां के लोगों को अब ज्वालामुखी के लावों से डर नहीं लगता। क्योंकि उनका विश्वास है कि गणपति बप्पा उनकी रक्षा कर रहे हैं। ब्रोमो का जावानीज भाषा में मतलब होता है ब्रह्मा।
इंडोनेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा
इंडोनेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के चलते यहां काफी सारे मंदिर देखने को मिलेंगे। ब्रोमो ज्वालामुखी पर कभी भी पूजा नहीं रुकती है। फिर चाहे यहां विस्फोट ही क्यों ना हो जाए। पूजा के दौरान गणेश की मूर्ति को फल-फूल के साथ-साथ बकरियों की बलि प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है। इसके पीछे भी यहां के लोगों की मान्यता है। उनका मानना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो ज्वालामुखी का कहर यहां रहने वाले लोगों को भस्म कर देगा। गणपति जी मूर्ती वहां के पत्थरों से बनी हुई है। ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद भी इसे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता।