
नारी डेस्क: भारत के मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन ज़ाकिर खान ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित मैडिसन स्क्वेयर गार्डन (MSG), न्यूयॉर्क में पूरी तरह हिंदी में परफॉर्मेंस दी। इसके साथ ही ज़ाकिर ऐसे पहले भारतीय कॉमेडियन बन गए हैं जिन्होंने इस मशहूर मंच पर हिंदी में स्टैंड-अप कॉमेडी पेश की।
हिंदी में परफॉर्म कर जीता दिल
ज़ाकिर खान ने ना सिर्फ एक इंटरनेशनल स्टेज पर परफॉर्म किया, बल्कि उन्होंने हिंदी में अपने चुटकुलों और कहानियों से न्यूयॉर्क के दर्शकों को खूब हंसाया। शो के बाद ज़ाकिर ने अमेरिका के Fox 5 न्यूज चैनल को इंटरव्यू भी दिया, जिसमें उन्होंने अपनी जर्नी और इस ख़ास शो के अनुभव को साझा किया। ज़ाकिर ने कहा कि, "ये सिर्फ मेरा नहीं, हिंदी बोलने वालों का पल है। हिंदी में परफॉर्म करके न्यूयॉर्क की ऑडियंस को हँसाना मेरे लिए गर्व की बात है।"
टाइम्स स्क्वेयर पर छाया ज़ाकिर का पोस्टर
इस ऐतिहासिक परफॉर्मेंस से पहले न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर जैसे बड़े डिजिटल बिलबोर्ड पर ज़ाकिर खान के शो का पोस्टर दिखाया गया था।
ज़ाकिर ने खुद इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर की जिसमें वो अपनी टीम के साथ टाइम्स स्क्वेयर पर खड़े दिखे। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और उनके फैन्स ने इसे खूब सराहा।
तन्मय भट्ट भी पहुंचे मंच पर
इस ख़ास शो में ज़ाकिर खान के साथ कॉमेडियन और यूट्यूबर तन्मय भट्ट भी मंच पर नजर आए। तन्मय और ज़ाकिर अच्छे दोस्त हैं और दोनों ने इस पल को और खास बना दिया। सोशल मीडिया पर शो की क्लिप्स तेजी से वायरल हो रही हैं।
जाकिर खान कौन हैं?
ज़ाकिर खान को उनकी परफेक्ट कॉमिक टाइमिंग, सादगी और आम आदमी की बातों को मज़ाक में ढालने की कला के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत यूट्यूब से की थी और उनकी ‘सख़्त लौंडा’ की पहचान उन्हें एक अलग मुकाम पर ले गई। ज़ाकिर, प्राइम वीडियो के पॉपुलर शो ‘कॉमिकस्तान’ का हिस्सा रहे हैं और वेब सीरीज़ ‘चाचा विधायक हैं हमारे’ में लीड रोल भी निभा चुके हैं। इसके अलावा हाल ही में वह भारतीय शेफ विकास खन्ना के साथ एक अमेरिकी प्लेटफॉर्म पर कुकिंग करते भी नजर आए। भारतीय भाषा और ह्यूमर को इंटरनेशनल मंच पर मिल रही पहचान
ज़ाकिर खान की ये उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। जिस मंच पर दुनिया के सबसे बड़े कलाकार परफॉर्म करते हैं, वहां हिंदी में कॉमेडी पेश कर ज़ाकिर ने ये साबित कर दिया कि भाषा की दीवारें सिर्फ मन में होती हैं।
यह सफलता भारतीय भाषाओं और कलाकारों के लिए एक नई राह खोलती है।