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इडली खाते ही हो गई मौत, एक छोटी सी गलती करके जान गंवा बैठा शख्स

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 12 Aug, 2025 05:05 PM
इडली खाते ही हो गई मौत, एक छोटी सी गलती करके जान गंवा बैठा शख्स

नारी डेस्क: साउथ इंडियन डिश इडली को हल्का, सुपाच्य और सुरक्षित भोजन माना जाता है। लेकिन हाल ही में सामने आए एक मामले ने इस सोच को झकझोर कर रख दिया। एक व्यक्ति की इडली खाते हुए दम घुटने से मौत हो गई। यह घटना हमें यह समझने पर मजबूर करती है कि जल्दी खाने की आदत और फर्स्ट-एड की जानकारी की कमी कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है।

सेलिब्रेशन में तीन इडलियां निगलना बना मौत की वजह

यह हादसा ओणम त्योहार के दौरान हुआ, जब एक व्यक्ति ने एक मिनट के अंदर तीन इडली खा लीं। जल्दबाजी में खाने के कारण एक इडली उसके गले में अटक गई, जिससे वह दम घुटने लगा और वहां मौजूद किसी को भी तुरंत सही फर्स्ट-एड देना नहीं आया। इस कारण कुछ ही मिनटों में उस व्यक्ति की जान चली गई।

चोकिंग क्या है और यह जानलेवा कैसे बनती है?

चोकिंग (Choking) तब होता है जब कोई खाना या वस्तु गले की सांस की नली में फंस जाती है और ऑक्सीजन फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाती। यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है क्योंकि केवल कुछ ही मिनटों में बेहोशी और फिर मृत्यु हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है, लेकिन किसी भी उम्र के व्यक्ति को चोकिंग हो सकती है।

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जान बचाने की तकनीक क्या है?

अगर गले में खाना या कोई वस्तु अटक जाए तो हेमलिच पैंतरेबाज़ी (Heimlich Maneuver) नाम की तकनीक से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। यह एक फर्स्ट-एड उपाय है, जिसमें पेट के ऊपरी हिस्से पर दबाव डालकर फंसी हुई चीज को बाहर निकाला जाता है।

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 हेमलिच पैंतरेबाज़ी (Heimlich Maneuver) कैसे करें?

पीड़ित के पीछे खड़े हो जाएं। एक हाथ से मुट्ठी बनाएं और उसका अंगूठा नाभि से थोड़ा ऊपर पेट पर रखें। दूसरे हाथ से इस मुट्ठी को मजबूती से पकड़ें। अब ज़ोर लगाकर ऊपर की दिशा में प्रेशर दें जैसे आप किसी चीज़ को पेट से बाहर फेंकना चाह रहे हों। यह तब तक करें जब तक अटकी चीज़ बाहर न आ जाए और व्यक्ति सांस लेने न लगे।

अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए तो क्या करें?

अगर चोकिंग के कारण व्यक्ति बेहोश हो गया है, तो तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) देना शुरू करें और एम्बुलेंस बुलाएं। समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा व्यक्ति की जान बचा सकती है।

पानी और शहद से मिल सकती है राहत?

कुछ मामलों में यदि चोकिंग गंभीर न हो और गले में खाना हल्का अटका हो, तो पानी के बड़े घूंट पीना मदद कर सकता है। वहीं, शहद निगलने से भी फंसी हुई चीज़ गले से नीचे उतर सकती है। लेकिन अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो तुरंत फर्स्ट-एड या मेडिकल सहायता ज़रूरी है।

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बच्चों में चोकिंग का खतरा अधिक क्यों होता है?

बच्चे अक्सर छोटी-छोटी चीज़ें जैसे सिक्के, बटन, बैटरी, पेंच, क्लिप या टॉफी मुंह में डाल लेते हैं। यह सब आसानी से गले में अटक सकता है। इसलिए बच्चों को खिलाते समय या खेलने के दौरान विशेष निगरानी रखना ज़रूरी है।

इस हादसे से क्या सीख मिलती है

खाना हमेशा धीरे-धीरे और चबा कर खाना चाहिए। जल्दबाज़ी में खाना जानलेवा हो सकता है। हमें सभी को प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की जानकारी होनी चाहिए। स्कूलों और दफ्तरों में चोकिंग से निपटने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

इडली जैसी सामान्य सी दिखने वाली चीज़ भी गलत तरीके से खाने पर जान ले सकती है। इसलिए हमें न सिर्फ खाना ध्यान से खाना चाहिए, बल्कि चोकिंग जैसी इमरजेंसी से निपटने के उपाय भी सीखने चाहिए। Heimlich Maneuver एक ऐसा तरीका है, जिसे हर किसी को आना चाहिए, क्योंकि यह किसी की भी जान बचा सकता है।  

 

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