कोरोना वायरस को पूरी तरह खत्म करने के लिए लोग वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रूस और चीन ने तो लोगों को वैक्सीन देना शुरू भी कर दिया है लेकिन उसे वैश्विक स्तर पर स्वीकार नहीं किया गया है इसलिए वह सिर्फ अपने देश में ही वैक्सीन दे सकते हैं। हालांकि भारत और अमेरिका वैक्सीन बनाने से बस कुछ ही कदम की दूरी पर है। वहीं, कोरोना के लिए पहले से मौजूद बीसीजी वैक्सीन (BCG Vaccine) से भी बचाव की उम्मीद रखी जा रही है। वैज्ञानिक टीबी से बचाने वाली इस वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं, ताकि वो कोरोना से बचाव में मददगार हो सके।
बीसीजी वैक्सीन का ट्रायल शुरू
ब्रिटेन में बीसीजी वैक्सीन का अंतरराष्ट्रीय ब्रेस क्लिनिकल ट्रायल शुरूहो चुका है। इसके तहत कुल 20 हजार सहभागियों को यह वैक्सीन दी जाएगी, ताकि पा लगाया जा सके कि क्या ये वैक्सीन कोरोना के प्रति इम्यून सिस्टम बढ़ाने में मददगार साबित होगी। कई देशों में सरकारी टीकाकरण अभियान का हिस्सा रही यह वैक्सीन टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस के इलाज में काम आती है।
कैसे काम करती है ये वैक्सीन?
पहले हुए कई शोध के मुताबिक, यह वैक्सीन शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगार है, जिससे कई वायरल बीमारियां दूर रहती हैं। ब्रिटेन, एक्स्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 2 हजार स्वास्थ्यकर्मियों पर इसका ट्रायल किया था लेकिन अब इसकी जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी। ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सहभागियों पर 1 साल तक निगरानी रखी जाएगी, जिसमें देखा जाएगा कि वो लोग कोरोना संक्रमित होते है या नहीं। खबरों के मुताबिक, ट्रायल के नतीजे 6 से 9 महीने के अंदर भी सामने आ सकते हैं।
COVAXIN का आखिरी ट्रायल भी शुरू
वहीं दूसरी ओर भारत बायोटेक कंपनी और ICMR के सहयोग से बनाई गई देसी कोरोना वैक्सीन (COVAXIN) का आखिरी ट्रायल भी शुरू हो सकता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ने COVAXIN के तीसरे ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी थी। वहीं, DCGI ने कंपनी से दूसरे ट्रायल का डाटा मांगा है, जिसके आधार पर वह वैक्सीन के तीसरे ट्रायल की मंजूरी देंगे। वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन का तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया गया।
कोरोना से लंबे समय तक बचाएगी COVAXIN
ICMR द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन लंबे समय तक वायरस से बचाने में मदद कर सकती है। कंपनी का कहना है कि वह वैक्सीन में Alhydroxiquim-II (एक तरह का अजुवंट बुस्टर) में मिला रहे हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाकर लंबे समय तक महामारी से सुरक्षित रखने में कारगार होगी। बता दें कि कंपनी ने वैक्सीन में Alhydroxiquim-II मिलाने के लिए ViroVax से लाइसेंस भी ले लिया है।