नारी डेस्क: हरियाणा के भिवानी जिले में 18 साल की प्ले-वे स्कूल टीचर मनीषा की बेरहमी से हत्या के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया है। घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक खाली हाथ है, जबकि मनीषा के परिजन और ग्रामीण शव के अंतिम संस्कार से इनकार करते हुए धरने पर बैठे हैं।
क्या है पूरा मामला?
11 अगस्त को मनीषा कॉलेज में एडमिशन के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। दो दिन बाद उसका शव सिंघानी गांव के पास एक नहर में क्षत-विक्षत हालत में मिला। पोस्टमार्टम में सामने आया है कि उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। शव से आंखें और अन्य अंग भी गायब थे, जिससे मामला और सनसनीखेज बन गया।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई, तो पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि "बेटी खुद भाग गई होगी।" इसके बाद 48 घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब मनीषा की हत्या की पुष्टि हो चुकी है, तो पुलिस पर लापरवाही का आरोप और गहरा गया है।
सरकार की कार्रवाई
मामला गर्माने के बाद हरियाणा सरकार ने भिवानी के एसपी मनबीर सिंह का तबादला कर दिया और लौहारू थाना के एसएचओ, एक महिला एएसआई समेत कुल पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
प्रदेश में उबाल
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे जाम कर दिया। कई कस्बों में बाजार बंद रहे, और जगह-जगह कैंडल मार्च निकाले गए। दादरी में सामाजिक संगठनों ने रोष मार्च निकाला और दोषियों को फांसी देने की मांग की।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरियाणा में अपराधी बेखौफ हो गए हैं और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है। जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने सीएम सैनी को कमजोर और दिल्ली के इशारों पर चलने वाला मुख्यमंत्री बताया।
परिजन की मांगें और चेतावनी
मनीषा के परिजन और ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। फिलहाल मनीषा की हत्या हरियाणा सरकार के लिए अग्निपरीक्षा बन चुकी है। क्या प्रदेश की सरकार और पुलिस इस बेटी को न्याय दिला पाएंगे? यह सवाल हर किसी के मन में है।