घर पर बच्चों को काम देने का मतलब यह नहीं कि अपने काम को आसान करना । बल्कि बच्चों को घर के काम इसलिए दिए जाते हैं ताकि उन्हें जिम्मेदारी का एहसास हो और उनके काम करने के तरीके में बदलाव आ सके । जब से स्कूल बंद हुए हैं बच्चे और भी परेशान हो चुके हैं। घर के काम सीखाने से बच्चे का ध्यान शैतानियों से हटता है। जिम्मेदारी डालते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि उन पर किसी तरह का दबाव न पड़े। तो चलिए बताते हैं कुछ आसान सी बातें जिनके जरिए बच्चे इसे एन्जॉय कर सकते हैं।
घर के काम को बनाएं किसी फन एक्टीविटी जैसे
बच्चे किसी भी काम को करते हुए उसका पूरी तरह से मजा लेते हैं। जब वो घर को साफ कर रहें हैं तो उनका कोई फेवरेट सॉन्ग लगाएं। गाने सुनते हुए वो अपना काम बहुत ही आसानी और मजे से खत्म कर लेंगे। इसके अलावा कपड़े समेटने के लिए उन्हें एक गेम के रुप में बदल दें। काम करते हुए इसे वो बहुत ही मजे लेते हुए करेंगे।
कम उम्र में ही करें शुरुआत
मां- बाप बच्चों को कोई काम इसलिए नहीं देते क्योंकि उन्हें लगता है वह अभी छोटे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है छोटी उम्र में ही बच्चों को काम देना शुरु कर देना चाहिए । इससे उन्हें काम करने में दिलचस्पी भी आती है। अगर बच्चा छोटा है तो आप उसे खिलौने समेटने के लिए कह सकते हैं। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो छोटा सा कपड़ा देकर आप उसे डस्टिंग के लिए कह सकते हैं ।
सजा के तौर पर कोई काम न दें
बच्चे कोई भी काम खुले दिल से करना ही पसंद करते हैं। जब बच्चा कोई गलती करता है तो माता -पिता सजा के तौर पर उसे काम दे देते हैं ।ऐसा करने से बच्चा घर के काम को करने में और भी परेशान हो जाता है। उन्हें लगता है घर की काम करना बहुत बड़ी सजा है। उनके लिए जितना हो सके घर के काम को आसान बनाना चाहिए ।
घर के काम को लेकर न करें कोई शिकायत
घर का कोई भी काम करने से पहले बच्चों को डांटे न । इससे उनका काम करने का दिल नहीं करेगा और एक नकरात्मक सोच पैदा होगी। अगर आप बच्चे के सामने साबुन या डिशवॉश बार को लेकर कंप्लेंट करेंगी तो इससे उनके स्वभाव पर गहरा असर पड़ेगा।