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पैर के बिछिया का यूट्रस से खास संबंध, पीरियड्स से लेकर फर्टिलिटी तक कनैक्शन

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 13 Jun, 2020 10:59 PM
पैर के बिछिया का यूट्रस से खास संबंध, पीरियड्स से लेकर फर्टिलिटी तक कनैक्शन

हिंदू धर्म में औरत द्वारा किया गया सौलह श्रृंगार काफी मायने रखता है जिसमें सिंदूर, बिंदी, पायल यहां तक कि पैरों में पहनी गई बिछिया भी शादीशुदा होने का प्रतीक मानी जाती है। धार्मिक मान्यता का अनुसार, शादी के बाद महिलाओं का बिछिया पहनना काफी शुभ होता है, खासकर चांदी की बिछिया। मगर क्या आप जानते है कि बिछिया का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है जिनके बारे में शायद ही आप जानते हो...तो चलिए हम आपको बताते बिछिया पहनने के कुछ हैल्थ बेनिफिट्स, जिनके बारे में जानकर तो आप पहनना शुरू कर देंगे बिछिया...

 

फायदों से पहले जान लेते है भारतीय महाकाव्य रामायण में बिछिया की महत्वपूर्ण भूमिका क्या है...मान्यता है कि जब रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था तो उन्होंने अपनी बिछिया को भगवान राम की पहचान के लिए फेंक दिया था। यह दर्शाता है कि बिछिया का उपयोग प्राचीन काल से ही होता रहा है।

लक्ष्मी का होता है वास

ज्योतिष के अनुसार चांदी की पायल और बिछिया लक्ष्मी का वाहक होती हैं। इन्हें धारण करने से घर में लक्ष्मी वास करती है इसलिए इनका खोना शुभ संकेत नहीं होता। ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती हैं 

अगर बात बिछिया के स्वास्थ्य फायदों की करें तो वो भी है बड़े लाजवाब...

 

नेगेटिव एनर्जी रहती है दूर

हिंदू धर्म में मान्‍यता है कि शादी के बाद कई नेगेटिव प्रभाव महिलाओं को घर लेते हैं, मगर चांदी की बिछिया नेगेटिविविटी को दूर करके पॉजिटिव एनर्जी देती है।

पीरियड्स को करें रेगुलर

बिछिया पहनने से महिलाओं की पीरियड्स से जुड़ी हर समस्या दूर होती हैं। भारतीय वेदों के अनुसार, दोनों पैरों में बिछिया पहनी जाए तो महिलाओं के पीरियड्स भी नियमित होते है।

फर्टिलिटी पर भी पड़ता है असर

डॉक्टरों की मानें तो बिछिया का महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी असर पड़ता है। इससे महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ती है।

ठीक से होता है ब्लड सर्कुलेशन

डॉक्टरों के मुताबिक, पैरों में बिछिया पहनने से साइटिक नर्व की एक नस दबती है जिससे आस-पास की दूसरी नसों में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है जिससे यूट्रेस, ब्लैडर और आंतों तक ब्लड ठीक से सर्कुलेट होता है।

गर्भाशय से है सीधा संबंध

साइंस की मानें तो पैरों की दूसरी उंगली में अंगूठे की तरफ एक नस पाई जाती है जोकि गर्भाशय से जुड़ी होती है। जब महिला बिछिया पहनती है तो वो नस पर दवाब डालती है जिससे गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन संतुलित होता है और स्वास्थ्या ठीक रहता है।

एक्यूप्रेशर का भी करती है काम

बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है, जिससे तलवे से लेकर नाभि तक की सभी नाड़िया और पेशियां ठीक तरीके से काम करती है।

स्ट्रेस रहता है दूर

बिछिया पहनने से एक और बड़ा फायदा होता है कि इससे महिलाएं तनावमुक्त रहती है। इसके पीछे भी एक वजह है और वो है चांदी द्वारा मिलने वाली एनर्जी। दरअसल, चांदी की बिछिया ध्रुवीय ऊर्जा को ठीक करके शरीर तक पहुंचाती है जिससे पूरा शरीर तरोताजा व स्ट्रेस फ्री रहता है।

दिल भी रहता है हैल्दी

पैर की दूसरी अंगुली की नस महिलाओं के गर्भाशय से संबंधित होती है जो दिल से होकर गुजरती है। यही वजह है कि बिछिया पहनने से महिलाओं का दिल भी हैल्दी रहता है।

हड्डियां भी रहती है मजबूत

चांदी की धातु हमेश पैरों से रगड़ती रहती है जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद है। इससे उनके पैरों की हड्डी को मजबूती मिलती है, शायद इसलिए भी सदियों से पैरों में पायल व बिछिया पहनने की रीत चली आ रही हैं।

 

इसका एक और बड़ा फायदा है जोकि आपके विवाहिक जीवन से जुड़ा है। माना जाता है कि चांदी की बिछिया पहनने घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाह करती हैं जिससे ना सिर्फ घर का मौहाल अच्छा रहता है बल्कि इससे इसकी झनकार से पति-पत्नी का रिश्ता भी मजबूत बनता है। तो ये बिछिया पहनने के फायदे... आपको हमारा पैकेज कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।

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