22 NOVFRIDAY2024 1:20:08 PM
Nari

Women Problems: व्हाइट डिस्चार्ज के साथ खुजली कहीं STD तो नहीं?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 30 Nov, 2020 09:51 AM
Women Problems: व्हाइट डिस्चार्ज के साथ खुजली कहीं STD तो नहीं?

गलत खान-पान, डेली रूटीन के चलते व्हाइट डिस्चार्ज यानि ल्यूकोरिया की समस्या महिलाओं में आम हो गई है। कई बार व्हाइट डिस्चार्ज के साथ महिलाओं को खुजली और बदबू भी आती है, जिसे वो मामूली समझ इग्नोर कर देती हैं लेकिन यह एसटीडी रोग (यौन संचारित रोग) का संकेत हो सकता है।

क्या है STD रोग?

एसटीडी रोग एड्स की तरह यौन संचारित रोग है जो योनि, गुदा (Anus) या ओरल तरीके से संबंध बनाने के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति को होता है। हालांकि इसका कारण

. बैक्टीरियल इंफेक्शन
. इंफेक्टिड इंजेक्शन या शेविंग ब्लेड के इस्तेमाल
. स्तनपान
. खुले घावों या छिली हुई त्वचा
. संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर या तौलिए के यूज से भी फैल सकता है।

PunjabKesari

STD रोग के लक्षण

. प्राइवेट पार्ट या मुंह के आस-पास अल्सर, घाव, फफोले 
. चकत्ते पड़ना
. संबंध बनाते समय या पेशाब के दौरान दर्द
. योनि के आसपास खुजली और बदबूदार स्राव
. थकावट, रात को पसीना आना और वजन कम होना

महिलाओं में बांझपन का खतरा

वैसे तो यह समस्या पुरुषों को भी हो सकती है लेकिन इसकी मार सबसे ज्यादा महिलाएं ही झेलती हैं। अगर सही समय पर इलाज ना करवाया जाए तो इसके कारण महिलाएं बांझपन, गोनोरिया, सिफलिस, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आ सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 2.4 मिलियन महिलाएं इस संक्रमण का शिकार होती है, जिसमें ज्यादातर संख्या औरतें 15 से 24 वर्ष की आयु की होती हैं।

PunjabKesari

महिलाएं आसानी से होती हैं शिकार

महिलाएं इस संक्रमण की चपेट में आसानी से इसलिए आ जाती हैं क्योंकि वैजाइना की त्वचा पेनिस के मुकाबले पतली और ज्यादा नाजुक होती है। ऐसे में महिलाओं को बैक्टीरिया और वायरस का खतरा अधिक होता है। वहीं, इसका एक कारण यह भी है कि महिलाएं वैजाइना में होने वाली प्राब्लम्स को हल्के में लेती हैं।

एसटीडी की रोकथाम

इस बीमारी से बचने के लिए एकमात्र उपाय है कि आप संबंध बनाते समय सावधानी बरतें। इसके अलावा

. बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए प्राइवेट पार्ट की सफाई रखें, खासकर संबंध बनाने के बाद
. एचपीवी और हेपेटाइटिस टीका लगवाएं। समय समय पर यौन जांच करवाते रहें। महिलाएं 24 की उम्र के बाद क्लैमाइडिया टेस्ट करवाती रहें
. पीरियड के दौरान हर 4-6 घंटे बाद पैड चेंज करें और साफ व सूखे अंडर गार्मेंट्स पहनें
. इंजेक्शन लगवाते समय ध्यान रखें कि सुई नई हो
. इस्तेमाल किए हुए शेविंग ब्लेड का यूज ना करें
. बदबूदार व्हाइट डिस्चार्ज के साथ खुजली हो तो हल्के में ना लें
. वैजाइना के लिए कैमिकल युक्त साबुन का यूज ना करें। साथ ही सफाई के लिए गुनगुने पानी का यूज करें
. गांठ या सूजन, पीरियड साइकल में बदलाव, संबंध बनाने के बाद स्पोटिंग हो तो समझ लें कि आपको डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है

PunjabKesari

ऐसे में आप डर, शर्म, संकोच को छोड़कर तुरंत अपने गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करें, ताकि जल्द से जल्द इस बीमारी का सही इलाज किया जा सके।

Related News