नारी डेस्क: दिवाली, जो कि खुशियों और समृद्धि का पर्व है, सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। लोग घरों को सजाते हैं और शाम के समय दीप जलाकर अपने घरों को रोशन करते हैं। दिवाली पर नई मूर्तियों की पूजा का विधान है, लेकिन कई लोग यह सोचते हैं कि क्या पिछले साल लाई गई मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए या नहीं।
दिवाली के दिन पुरानी मूर्तियों का क्या करें?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मिट्टी से बनी नई मूर्तियों को स्थापित करना चाहिए। पुरानी मूर्तियों की पूजा करने से वास्तु दोष लग सकता है, और इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। ऐसा करने से जीवन में चल रही समस्याएं और बढ़ सकती हैं। इसलिए, हर साल दिवाली पर नई मूर्तियों की पूजा करना अधिक शुभ माना जाता है।
कब करें पुरानी मूर्तियों की पूजा?
अगर आपके पास सोने, पीतल, चांदी या अष्टधातु से बनी मूर्तियां हैं, तो आप उनकी दिवाली पर पूजा कर सकते हैं। लेकिन पुरानी मूर्तियों को पहले गंगाजल से शुद्ध करना आवश्यक है। इसके बाद, उन्हें विधिपूर्वक मंदिर में स्थापित करना चाहिए, तभी उनकी पूजा का महत्व रहेगा।
दिवाली 2024 की तिथियां
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों की पूजा करना सुनिश्चित करें।
दिवाली का पर्व केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक अवसर है अपने घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाने का। इसलिए, पुरानी मूर्तियों के बजाय नई मूर्तियों की पूजा करना आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि को बढ़ा सकता है। ध्यान रखें, इस दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को स्थापित करें और उनका आदरपूर्वक पूजा करें।
-