जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर फैलने की आशंका जताई जा रही है वहीं लोगों की नजरें वैक्सीन पर टिकी हुई है। देश की तीन वैक्सीन आखिरी चरण के ट्रायल पर पहुंच चुकी है। इसी बीच सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद) ने कोरोना की एक ओर नई दवा तैयार की है।
वैक्सीन से पहले आ सकती है कोरोना की नई दवा
CSIR का दावा है कि यह दवा कोरोना के इलाज और बचाव दोनों में कारगार साबित हो सकती है। फिलहाल एमडब्ल्यू (मायकोबैक्टीरियम डबल्यू) नाम की इस दवा के दो क्लिनिकल ट्रायल सफल रहे और इसका आखिर ट्रायल किया जा रहा है।
कब तक आएगी कोरोना की दवा?
उम्मीद लगाई जा रही है कि यह दवा कोरोना वैक्सीन से पहले मार्केट में उपलब्ध हो सकती है। खबरों के मुताबिक, तीसरा ट्रायल पूरा होने के बाद साल 2020 की पहली तिमाही में कोरोना की यह नई दवा मार्केट में आ जाएगी।
कैसे करती है काम?
डॉ. विश्वकर्मा ने बताया कि यह दवा इम्यूनो थेरेपी की तरह काम करती है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर को बाहरी संक्रमण से लड़ने के लिए स्ट्रांग इम्यूनिटी मिलती है। तीसरे ट्रायल में कोरोना के करीब 300 मरीजों को यह दवा दी जा सकती है। हालांकि इसके इस्तेमाल कोरोना से बचाव के लिए भी काम किया जाएगा।
कोरोना इलाज के साथ बचाव में भी कारगार
अभी तक हुए ट्रायल में सामने आया कि दवा मरीजों पर काफी असरदार साबित हो रही है। इसके सेवन से मरीज जल्दी रिकवर कर रहे हैं और उनमें वायरल लोड भी तेजी से कम हो रहा है। बता दें कि पहले इस दवा का इस्तेमाल कुष्ठ रोगियों के लिए होता आ रहा है। वहीं CSIR ने कोरोना इलाज के लिए इसे री-प्रोड्यूस किया है।
गौरतलब है कि मार्केट में इससे पहले भी कोरोना की कई दवाएं आ चुकी है लेकिन यह पहली ऐसा दवा है जो इलाज के साथ बचाव में भी कारगार होगी।