अभिनेत्री कंगना रनौत का विवादों से कुछ खास ही नाता है। अब उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि भारत को ‘‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’’ और ‘‘जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली'’ जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। इस बयान के बाद उन पर केस दर्ज करने और पद्मश्री पुरस्कार वापस लिए जाने की मांग तेज हो गई है।
इसी सप्ताह पद्मश्री सम्मान पाने वाली रनौत ने एक चैनल में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- ‘‘अगर हमें ‘भीख’ की तरह आजादी मिली तो क्या यह आजादी है? कांग्रेस के नाम पर अंग्रेज क्या छोड़ गये.... वे अंग्रेजों का विस्तार थे। इस बयान के सामने आते ही कई नेताओं ने उन पर हमला बोला। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि- कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?'
रनौत का ट्विटर एकाउंट निलंबित कर दिया गया है ऐसे में उन्होंने इंस्टाग्राम पर वरुण पर पलटवार करते हुए कहा कि- हालांकि मैंने साफ तौर पर 1857 की क्रांति,प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेख किया है जिसे कुचला गया...जिससे ब्रिटिशों की तरफ से और भी दमन और जुल्म हुए और लगभग एक सदी बाद हमें गांधी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई...जा और रो अब...’’।
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपने ट्विटर पेज पर कंगना का वीडियो क्लिप साझा किया और उनके बयान पर ताली बजाने वालों पर हैरानी जताई। ‘तनु वेड्स मनु’ श्रृंखला की दोनों फिल्मों में कंगना के साथ काम कर चुकीं लेकिन उनकी आलोचक स्वरा ने लिखा, ‘‘ये कौन बेवकूफ ताली बजा रहे थे, मुझे उनके बारे में जानना है।’’कुछ लोगों ने कंगना को पद्मश्री सम्मान मिलने पर ही सवाल खड़ा किया है।
कंगना का नाम लिये बिना बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा-उसे आप क्या कहेंगे जो जब भी मुंह खोले तो जहर उगले। स्टैंडअप हास्य कलाकार और सरकार के मुखर आलोचक कुणाल कामरा ने ट्विटर पर ऑनलाइन पोस्ट में लिखा, ‘‘कंगना सही हैं। भारत को सहज विवेक और तर्कसंगत सोच से 2014 में आजादी मिली।
बता दें कि रनौत अपने बयानों को लेकर अक्सर खबरों में रहती हैं-चाहे भाई-भतीजावाद पर फिल्मकार करण जौहर के साथ उनका झगड़ा हो, किसानों के प्रदर्शन पर अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ के साथ तनातनी रही हो, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना सरकार की आलोचना करने वाले उनके ट्वीट रहे हों या मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने की बात हो।