किसी ने सच ही कहा हैं कि सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है लेकिन एक गलती आपको फिर से अर्श से फर्श पर ला सकती है। कुछ एेसा ही हुआ ICICI बैंक की CEO चंदा कोचर के साथ। चंदा कोचर की एक गलती ने उनका करियर बर्बाद कर दिया। चलिए आपको बताते हैं इनकी लाइफस्टोरी
13 साल की उम्र में खोए पिता
साल 1961 को जोधपुर राजस्थान में जन्मी चंदा कोचर जब 13 साल की थी तब उनके पिता की मौत हो गई। चंदा कोचर ने अपनी स्कूली पढ़ाई जयपुर से ही की। फिर वो मुंबई आ गई। बचपन में चंदा कोचर सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थी लेकिन बड़ी होकर उन्होंने फाइनेंस की फील्ड चुनी। उन्होंने मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की।
ऐसे शुरू हुआ चंदा कोचर का करियर
पूरी दुनिया में बैंकिंग के सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली चंदा कोचर ने मैनेजमेंट ट्रेनी के छोटे से पद से अपने करियर की शुरुआत की। साल 1984 में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी चंदा कोचर ने ICICI ज्वाइन किया था। जब साल 1994 में ICICI संपूर्ण स्वामित्व वाली बैंकिंग कंपनी बन गई तो चंदा कोचर को असिस्टेंट जनरल मैनेजर बनाया गया। इसके बाद चंदा कोचर ने पीछे मुंडकर नहीं देखा और सफलता की पीढ़ियां चढ़ती गई। साल 2001 में बैंक ने चंदा को एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बना दिया। इसके बाद उन्हें कॉरपोरेट बिज़नेस देखने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। फिर चंदा चीफ़ फ़ाइनेंशियल ऑफिसर बन गईं।
क्लासमेट को ही चुना लाइफ पार्टनर
कॉलेज में चंदा कोचर की मुलाकात दीपक कोचर से हुई। दोनों अच्छे दोस्त बन गए। दीपक ने चंदा को प्रपोज किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। फिर 2 साल बाद चंदा ने दीपक को सीधा शादी के लिए प्रपोज किया। चंदा के पति दीपक कोचर विंड एनर्जी उद्यमी हैं। वे अक्सर लाइम लाइट से दूर रहना पसंद करते हैं। चंदा अपनी कामयाबी का श्रेय भी अपने पति को ही देती हैं। चंदा के मुताबिक, उनके पति दीपक ने उनका हर मुश्किल में साथ दिया। दोनों का एक बेटा और बेटी है।
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित
चंदा कोचर साल 2009 में ICICI Bank की सीईओ (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) बनी। चंदा कोचर की लीडरशिप में ICICI Bank ने रिटेल बिजनेस के क्षेत्र में कदम रखा, जिसमें अच्छी सफलता मिली। साल 2011 में भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया।
2018 में चंदा कोचर ने दिया इस्तीफा
जिस पति की वजह से चंदा कोचर ने सफलता हासिल की उन्ही की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल, 2018 में
चंदा कोचर पर अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था। खबरों के मुताबिक, ICICI बैंक ने वीडियोकोन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। कहा जाता है कि वीडियोकॉन ग्रुप ने इस लोन में से 86 फीसदी (करीब 2810 करोड़ रुपये) नहीं चुकाए। 2017 में इस लोन को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट्स) में डाल दिया गया।
वेणुगोपाल धूत और दीपक के है रिलेशन
जानकारी के मुताबिक, वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के चंदा कोचर के पति दीपक के साथ बिजनेस रिलेशन हैं।खबरों की मानें तो वीडियोकॉन ग्रुप की मदद से बनी एक कंपनी बाद में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की अगुआई वाली पिनैकल एनर्जी ट्रस्ट (Pinnacle Energy Trust) के नाम कर दी गई। यह आरोप लगाया गया था कि धूत ने दीपक कोचर की सह-स्वामित्व(Co-ownership) वाली इसी कंपनी के जरिए लोन का एक बड़ा हिस्सा ट्रांसफर किया था। आरोप है कि 94.99 फ़ीसदी होल्डिंग वाले ये शेयर्स महज 9 लाख रुपए में ट्रांसफर कर दिए गए थे। पहले तो आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर पर लगे आरोपों का गलत ठहराया लेकिन बाद में उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएन श्रीकृष्णा को दी गई। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच में चंदा कोचर को दोषी पाया गया।फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों से संबंधित 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली।
तो यह हैं चंदा कोचर की लाइफस्टोरी। कैसे उनकी एक गलती ने उनका करियर बर्बाद कर दिया।