जब से दुनिया में कोरोना महामारी फैली है तब से विशेषज्ञ और हेल्थ एक्सपर्ट इसकी खोज में नए-नए अध्ययन कर रहे हैं जिसमें अब तक कई बड़ी जानकारी भी सामने आई हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की एक नई स्टडी सामने आई हैं जो नवजात शिशुओं को दुध पिलाने वाली मांओं को लेकर की गई हैं।
टीकाकरण करानेवाली मां के दूध में होती है बीमारी के खिलाफ लड़नेवाली एंटीबॉडीज
दरअसल, कोविड से सुरक्षा के लिए पूरे देश में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। वहीं, सामने आई नई स्टडी में पता चला है कि टीकाकरण करानेवाली मां के दूध में बीमारी के खिलाफ लड़नेवाली एंटीबॉडीज होती है। रिसर्च के अनुसार, टीकाकरण से कोविड-19 की बीमारी का कारण बननेवाला कोरोना वायरस के खिलाफ मां के दूध में एंटीबॉडीज का लेवल स्पष्ट बढ़ता है, इससे पता चलता है कि टीकाकरण करानेवाली मां अपने बच्चों तक इम्यूनिटी को और स्ट्रांग कर सकती हैं।
टीकाकरण के बाद मां के दूध में बनती है एंटीबॉडीज
शोधकर्ताओं के अनुसार, इसकी पुष्टि के लिए रिसर्च पर काम किया गया था, बच्चे जब पैदा होते हैं, तो उनका इम्यून सिस्टम विकसित हो रहा होता है, जिसके चलते उनमें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। ऐसे में बच्चों को वायरस से बचाने के लिए केवल मां का दूध ही सुरक्षा कवच के तौर पर काम करता है।
टीकाकरण मां के दूध का हिस्सा बन जानेवाले टूल की तरह है
शोधकर्ताओं का कहना है कि टीकाकरण मां के दूध का हिस्सा बन जानेवाले टूल की तरह है जो कोविड-19 की रोकथाम की क्षमता रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिसर्च से मजबूत संकेत मिलता है कि वैक्सीन मां और बच्चा दोनों को सुरक्षा देने में मदद कर सकती है, ये प्रेगनेन्ट या बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां के लिए टीकाकरण का ठोस कारण है।
बता दें कि इस रिसर्च को दिसंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच में किया गया था जब फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन पहली बार हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए उपलब्ध कराई गई थी। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 21 सेहतमंद ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली हेल्थ केयर वर्कर्स को शामिल किया था जो कोरोना से संक्रमित नहीं हुई थीं।
जांच के लिए मां के दूध और ब्लड का तीन बार लिया सैंपल
शोध में जांच करने के लिए टीम ने मां के दूध और ब्लड का सैंपल तीन बार लिया, एक बार टीकाकरण से पहले, एक बार वैक्सीन की पहली डोज के बाद और आखिरी बार दूसरी डोज के बाद सैंपल हासिल किया। शोधकर्ताओं ने बताया कि हमने दूसरी डोज के बाद ब्रेस्ट मिल्क और ब्लड के सैंपल में मजबूत एंटीबॉडी रिस्पॉन्स देखा जो टीकाकरण से पहले की तुलना में सौ गुना ज्यादा था।