नारी डेस्क: आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं। इसी वजह से घरेलू चीजें भी नए-नए तरीकों से डाइट का हिस्सा बन रही हैं। इन्हीं में से एक है काला लहसुन (Black Garlic), जो इन दिनों काफी चर्चा में है। कहा जा रहा है कि यह सफेद लहसुन (White Garlic) से ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि काला लहसुन क्या है, यह सफेद लहसुन से कैसे अलग है और इसके क्या फायदे हैं।
क्या होता है काला लहसुन?
काला लहसुन कोई अलग किस्म का लहसुन नहीं होता। दरअसल, सफेद लहसुन को खास तापमान और नमी में लंबे समय तक रखा जाता है, जिससे उसमें फर्मेंटेशन (Fermentation) की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया के बाद लहसुन की कलियां काले रंग की, नरम और थोड़ी चिपचिपी हो जाती हैं। इसका स्वाद भी सफेद लहसुन से अलग, हल्का मीठा और कम तीखा होता है।

सफेद लहसुन और काले लहसुन में फर्क
सफेद लहसुन में तेज गंध होती है और इसमें एलिसिन (Allicin) नाम का तत्व पाया जाता है, जो रोगाणुओं से लड़ने में मदद करता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे पेट में जलन या गैस की समस्या हो सकती है। काले लहसुन में फर्मेंटेशन के बाद एलिसिन बदलकर ऐसे एंटीऑक्सीडेंट में बदल जाता है, जो शरीर में आसानी से पच जाते हैं। इसमें S-Allyl Cysteine (SAC) नाम का तत्व पाया जाता है, जो ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
काला लहसुन खाने के फायदे
शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ाता है। मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। दिल और लीवर की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। सफेद लहसुन की तुलना में पेट के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला होता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं।

एक्सपर्ट्स की क्या राय है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, काला लहसुन शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके नियमित लेकिन सीमित सेवन से सेहत को फायदा हो सकता है। हालांकि इसे किसी दवा की तरह नहीं देखना चाहिए।
किन लोगों को नहीं खाना चाहिए?
जिन लोगों का खून बहुत पतला रहता है, उन्हें इसका सेवन सीमित करना चाहिए। जिनका पेट जल्दी खराब हो जाता है, उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी चीज को सिर्फ ट्रेंड के कारण डाइट में शामिल न करें। बेहतर है कि डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
काला लहसुन सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह सफेद लहसुन का पूरी तरह विकल्प नहीं है। संतुलित मात्रा और सही सलाह के साथ ही इसका सेवन करना सबसे बेहतर माना जाता है।