नारी डेस्क: आज के समय में खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल हमारी सेहत पर बहुत बड़ा असर डालता है। ज्यादा तेल वाला खाना सिर्फ मोटापा नहीं बढ़ाता बल्कि डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए विशेषज्ञ और FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) दोनों ही कम तेल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
ज्यादा तेल खाने से क्या खतरे हैं?
डॉक्टर के अनुसार, डीप फ्राइड या बार-बार गर्म किया गया तेल बेहद हानिकारक होता है। इसमें जहरीले तत्व बन जाते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इससे दिल की बीमारियां, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से अपील कर चुके हैं कि अपने खाने में तेल की मात्रा 10% तक कम करें ताकि सेहत बनी रहे और गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।
खाना बनाने में तेल कैसे कम करें?
FSSAI और एक्सपर्ट्स की सलाह है कि खाना पकाने के तरीके बदलें। तलने के बजाय ग्रिलिंग, बेकिंग, स्टीमिंग या कम तेल में पकाने के विकल्प अपनाएं।
स्टीमिंग और बेकिंग: भोजन हल्का, स्वादिष्ट और पचने में आसान बनता है।
ग्रिलिंग और सॉटे: स्वाद भी बना रहता है और तेल की मात्रा कम रहती है।
हर डिश के लिए अलग तेल का इस्तेमाल करें
पोहा: तिल का तेल
दोपहर की सब्जी: सरसों का तेल
दाल: थोड़ा सा घी
रात की सब्जी: सूरजमुखी का तेल
बेस्ट कुकिंग ऑयल
FSSAI के अनुसार, अलग-अलग तेलों का बारी-बारी से इस्तेमाल करना शरीर के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे सभी तरह के फैटी एसिड और पोषक तत्व मिलते हैं। स्वास्थ्य और स्वाद दोनों के लिए ये तेल उपयोगी हैं:
सूरजमुखी तेल
कुसुम तेल
बिनौला तेल
राइस ब्रान ऑयल
तेल की मात्रा कम करके और सही प्रकार के तेल का चयन करके आप अपने स्वास्थ्य को गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं। याद रखें, "Health is wealth" – असली दौलत आपकी सेहत है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।