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तीन साल बाद दिल्ली में हुआ Pride March का आयोजन, 2000 से ज्यादा लोगों ने लिया बढ़चढ़ कर भाग

  • Edited By palak,
  • Updated: 09 Jan, 2023 12:52 PM
तीन साल बाद दिल्ली में हुआ Pride March का आयोजन, 2000 से ज्यादा लोगों ने लिया बढ़चढ़ कर भाग

कोविड के कारण जहां पिछले सालों कई जशन रुके थे उन्हीं में से एक है प्राइड मार्च। पिछले तीन साल से दिल्ली में प्राइड मार्च का आयोजन नहीं हो पाया था। तीन साल के बाद एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों ने कोविड के बाद दिल्ली क्वीर प्राइड मार्च का 13वें वर्ष में धूमधाम से आयोजन किया। इस आयोजन के लिए हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे। बाराखंभा रोड से लेकर जंतर-मंतर तक वार्षिक मार्च ढोल-नगाड़ों पर नाचते हुए, नारेबाजी करते हुए और संतरंगी झंडे और तख्यितां लेकर त्योहार को पूरे धूम-धाम से मनाया गया। 

लोगों ने पूरे उल्लास के साथ लिया मार्च में हिस्सा 

मीडिया से बात करते हुए लोगों ने बताया कि - 'इस साल हजारों प्रतिभागी परेड में शामिल हुए। महामारी के कारण पिछले तीन सालों से परेड का आयोजन नहीं हो पाया था इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने के बाद भी भारी संख्या में लोगों ने परेड में हिस्सा लिया।' कड़कती ठंड के बावजूद भी मार्च में 2,000 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। आयोजकों ने आगे कहा कि - 'हम दमनकारी हमलों और भेदभाव के खिलाफ, ट्रांसपर्सन, समलैंगिकों, उभयलिंगी, पैनसेक्सुअल, अलैंगिक, लिंग गैर-अनुरुपता और इंटरसेक्स के लोगों के खिलाफ मार्च निकालते हैं। हम दावा करते हैं कि कानूनी अधिकार तब तक मूल्यहीन बने रहेंगे जब तक हम लिंग, जाति, वर्ग, क्षमता, धर्म, क्षेत्र और भाषा की बाधाओं से परे व्यक्तिगत अभिव्यक्ति, प्यार के सभी सहमति रुपों में स्वीकृति की संस्कृति का निर्माण नहीं करते, जो हमें विवश करते हैं। हम मार्च करते हैं। हमारे जीवन विकल्पों को निर्धारित करने के अधिकार और उसी की मान्यता के लिए ।' 

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इन लोगों की मार्च करता है निंदा 

आगे परेड में हिस्सा लेने वाले आयोजकों ने कहा कि- 'यह मार्च अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न, विशेष रुप से मुसलमानों, दलितों, बहुजनों, आदिवासियों और ईसाईयों तक ही सीमित नहीं है। हम नफरत और आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मार्च करते हैं और जाति, धर्म या क्षेत्र के नाम पर लिचिंग की निंदा करते हैं।' 

जलवायु आपातकाल की भी की बात 

परेड मार्च के लोगों ने जलवायु आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि - 'वे वनों की कटाई, जलवायु अन्याय और अपनी मातृभूमि से स्वदेशी समुदायों के जबरदस्ती स्थानांतरण के विरोध में मार्च कर रहे हैं। हम अपने जंगलों और रिजर्व की कॉर्पोरेट लूट का विरोध करने के लिए मार्च करते हैं। हम अपने #RightToBreathe के लिए मार्च करते हैं।' 

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परेड महामारी में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि

आयोजकों के अनुसार, परेड महामारी में जान गंवाने वाले लोगों को भी श्रद्धांजलि दी। हम उन लोगों की याद में मार्च करते हैं जो कोविड महामारी से हार गए हैं, जिसने समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों को असमान रुप से प्रभावित किया है। हम चिकित्सा संस्थानों द्वारा भेदभाव के खिलाफ सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल और गरिमा की मांग के लिए मार्च करते हैं। 

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