नारी डेस्क: मलयालम फिल्म उद्योग में उस वक्त भूचाल आ गया, जब अभिनेता और ‘मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन' (एएमएमए) के अध्यक्ष मोहनलाल ने अपने कुछ सदस्यों पर यौन शोषण के आरोपों के कारण तीव्र विरोध के बीच अन्य शीर्ष पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दे दिया। इंडस्ट्री में महिलाओं की समस्याओं को लेकर बनी हेमा कमिटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद, मलयालम सिनेमा से जुड़ी महिला कलाकार अब खुलकर सामने आ रही हैं। इस बीच मलयालम अभिनेत्री उषा ने एक बड़ा खुलासा कर माहौल को और गंभीर बना दिया।
मलयालम इंडस्ट्री में चल रही #MeToo अभियान की लहर
उषा लगभग 40 साल से सिनेमा से जुड़ी हुई है। अब उन्होंने खुलासा किया कि 1992 में जब वह मोहनलाल के साथ एक प्रोजेक्ट की शूटिंग कर रही थीं, तब एक वरिष्ठ अभिनेता ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। मलयालम इंडस्ट्री में #MeToo अभियान की लहर के बीच अभिनेत्री ने इस घटना के बारे में खुलकर बात की। मीडिया के साथ बातचीत करते हुए उषा ने बताया कि लिफ्ट में उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्होंने उसके खिलाफ आवाज उठाई।
उषा ने किए कई खुलासे
अभिनेत्री का कहना है कि उन्होंने मोहनलाल को भी इस बारे में बताया, जिन्होंने कहा कि उन्होंने सही काम किया। हालांकि, इस घटना के बाद उन्हें 'घमंडी' करार दिया गया और उन्हें बहुत सारा काम खोना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह टीम खाड़ी में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी, जब उक्त वरिष्ठ अभिनेता ने लिफ्ट में उनके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने तुरंत उनके इस कदम के लिए उन्हें थप्पड़ मारा। उषा ने आगे कहा- "कुछ लोग पूछ सकते हैं कि मैं इस मुद्दे को अब क्यों उठा रही हूं। मैंने उस समय तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी। घटना का एक वीडियो अब सामने आया है।"
यौन शोषण का विरोध करने की उषा को मिली सजा
उषा ने बताया कि मोहनलाल को इस पूरी घटना के बारे में बताया गया था और उन्होंने मुझे दिलासा भी दिया था। उन्होंने बताया- मैंने इसके बारे में संगठन को सूचित किया, और उन्होंने मुझे अभिमानी करार देना शुरू कर दिया। आखिरकार, मुझे फिल्मों के ऑफर मिलने बंद हो गए। बता दें कि महिला अभिनेत्रियों द्वारा कई पुरुष अभिनेताओं के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को लेकर मचे हंगामे के बीच, शीर्ष अभिनेता मोहनलाल समेत केरल के एक प्रभावशाली सिने कलाकार संघ के अन्य पदाधिकारियों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। एक बंगाली अभिनेत्री सहित कई अभिनेत्रियों ने मलयालम सिनेमा के कुछ जाने-माने चेहरों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप सार्वजनिक रूप से लगाए हैं, जिनमें प्रख्यात निर्देशक रंजीत और अभिनेता सिद्दीकी और मुकेश शामिल हैं।
न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट से मचा बवाल
यह बताया गया है कि न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद, एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों को सोशल, विजुअल और प्रिंट मीडिया में, यौन उत्पीड़न करने के आरोपों का सामना करना पड़ा। इसी के मद्देनजर, मौजूदा कार्यकारी समिति नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रही है। इन पदाधिकारियों में अभिनेता सिद्दीकी भी शामिल हैं, जिन्होंने महासचिव पद से इस्तीफा दिया है। मलयालम फिल्म उद्योग जगत में यौन उत्पीड़न पर न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, कई अभिनेत्रियां सामने आईं और कार्यस्थल पर अपने साथ हुई बदसलूकी के बारे में बताया। इन आरोपों के बीच, सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की।