आजकल महिलाएं हर फिल्ड में आगे बढ़ रही हैं फिर चाहे वो खेतीबाड़ी ही क्यों ना हो। इस बात का उदाहरण है मोगे की रहने वाली गुरबीर कौर। 45 साल की गुरबीर कौर खेतो में खुद ट्रेक्टर चलाती है और एक सफल किसान होने का सबूत दे रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के परिवार के साथ पिता के थे संबंध
गुरबीर कौर के पिता बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से पंजाब आए थे और उन्हें पाकिस्तान की जमीन के बदले जिला मोगा के गांव झण्डेआना में आठ एकड़ जमीन मिली थी और आज गुरबीर के पास 45 एकड़ जमीन है जोकि उनकी मेहनत का ही फल है। गुरबीर कौर ने बताया कि उनके पापा पाकिस्तान से आए थे और वहां पर हमारे परिवार के कैप्टन अमरिंदर सिंह के परिवार के साथ अच्छे संबंध थे। मेरे दादा जी को कैप्टन परिवार की और से अच्छे तगमे भी दिए गए थे।
बीमारी के कारण हुई भाई की मौत
जब गुरबीर कौर के पिता मोगा आए तो पहले उनका मन काम में नहीं लगता था। उसके बाद उनकी शादी हुई। गुरबीर कौर की 5 बहनें और एक भाई था। उनकी तीन बहनों की शादी हो गई। गुरबीर कौर ने शादी नहीं करवाई। बीमारी के कारण उनके भाई की मौत हो गई। गुरबीर कौर ने सोचा था कि वह अपने भाई के बेटे को गोद ले लेगी और शादी नहीं करवाएगी। गुरबीर की छोटी बहन पी एच डी कर रही है। वह उसकी शादी करेगी और शादी के बाद उसको और उसके पति को अपने साथ रखेगी ताकि कोई उसकी देखभाल करने वाला हो। गुरबीर कौर के मुताबिक उन्हें खाली बैठना पसंद नहीं इसलिए वह ज्यादा समय खेती करने में लगाती है।
कर्ज के कारण जो किसान आत्महत्या कर लेते हैं उनके बारे में गुरबीर कौर ने कहा कि हमें जल्दी हौसला नहीं छोड़ा चाहिए। कोई भी बड़ा कर्ज हो सब धीरे धीरे उतर जाता है बस मेहनत करनी पडती है और मैं मेहनत करने वालो को ही पसंद करती हूं।