भारत में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जो विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है और इनकी कुछ ना कुछ खास बात भी है लेकिन क्या आप भारत की एक ऐसी जगह के बारे में जानते हैं जिसे भारत का मिनी लंंदन कहा जाता है।
रांची का मैक्लुस्कीगंज
रांची का मैक्लुस्कीगंज एक छोटा सा कस्बा है जो मिनी लंदन के नाम से जाना जाता है। इस कस्बे को अर्नेस्ट टिमोथी मैकलुस्की जो एक एंग्लों इंडियन थे ने बसाया था।
कैसे बना मिनी लंदन?
यहां पर चामा, रामदागादो, केदल, दुली, कोनका, मायापुर, महुलिया, हेसाल और लपरा जैसे गावों में 365 शानदार बंगले हैं जो इसके लंदन होने की पहचान बने हुए हैं। यहां पर किसी समय गोरों का पूरा राज था।
एंग्लोइंडियन कस्बा
अर्नेस्ट टिमोथी मैकलुस्की अपने जैसे और एंग्लों इंडियन लोगों के लिए एक अलग कस्बा बसाना चाहते थे और उन्होने ऐसा किया भी। कोलकाता समेत दूसरे और इलाकों में रहने वाले एंग्लों इंडियन इसी जगह आ कर बंगले बनाने लगे।
मिनी लंदन का बुरा दौर
मैकलुस्कीगंज को कुछ समय बाद बहुत से परिवारों ने छोड़ना शुरू कर दिया। जिससे इसका बुरा दौर शुरू हो गया लेकिन अब यहां पर सिर्फ एक एंग्लोइंडियन परिवार ही है जो इसके वजूद को बचा कर रखना चाहता है।
यहां पर बहुत से बंगलों में स्कूल और कॉलेज खुल चुके हैं और बच्चे दूर-दूर से यहां पढ़ने के लिए आते हैं। यहां पर सुख-सुविधा की हर चीज आसानी से मिल जाती है। इस जगह पर रहने वाले लोग इस कोशिश में हैं मैकलुस्कीगंज हमेशा ही मिनी लंदन के नाम से मशहूर रहे।