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बच्चों को रात में लगता है डर तो अपनाएं ये तरीके

  • Updated: 10 Mar, 2017 05:27 PM
बच्चों को रात में लगता है डर तो अपनाएं ये तरीके

पेरेंटिंग :  बच्चों का मन बहुत साफ और नाजुक होता है। उनके सामने होने वाली हर बात को वे सही मान लेते हैं। कई बच्चे भूत वाले सीरियल या कहानी सुन लेते हैं जिससे उनके मन में डर बैठ जाता है। ऐसे में वे रात को अकेले बाहर जाने से डरने लगते हैं और कई बार तो उन्हें सपने भी भूतों वाले ही आते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों के मन से डर बाहर निकालें और उन्हें कहानी और असलीयत के बीच में फर्क बताएं। आइए जानिए बच्चों के मन से डर बाहर निकालने के लिए और क्या करना चाहिए

1. साहसी और निर्भीक
पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों को डर का सामना करना सिखाएं। उन्हें साहसिक कहानियां सुनाएं जिससे उनके मन से डर बाहर निकल सके। बच्चों को अंधेरे कमरे में ले जाकर वहां हंसी का माहौल बनाएं। छिपन-छिपाई खेलने के बहाने उन्हें अंधेरे वाली जगह  पर ले जाएं जिससे खेल-खेल में ही उनके मन से अंधेरे का डर बाहर निकल सके।

2. सुरक्षा के सामान
कई बच्चे अलग कमरे में सोते हैं लेकिन डर की वजह से उन्हें अकेले सोने में परेशानी होने लगती है। ऐसे में मां-बाप को चाहिए कि वे बच्चों के बैड के पास सुरक्षा का सामान रख दें और उन्हें रिलैक्स फील कराएं। उनके कमरे में एक छोटी लाइट जगा कर रखें और कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दें जिससे बच्चों को डर न लगे।

3. ह़ॉरर फिल्म न देखने दें
बच्चों को रात में डरावनी फिल्म या टीवी शो न देखने दें। उनके सामने कभी भी कोई ऐसी बात न करें जिससे उन्हें डर लगता हो। उनके मन से डर निकालने के लिए दिन में आराम से इस विषय पर बात करें और बच्चों का आत्म-विश्वास बढ़ाने की कोशिश करें।

4. रिलैक्सेशन ट्रेनिंग
बच्चों को अकेले रहने की ट्रेनिंग दें। सोने से पहले उनके साथ अच्छी बातें करें जिससे रात को उन्हें बुरे सपने न आएं। उन्हें ऐसा समझाएं कि रात को अगर उन्हें डर भी लगे तो वे चिल्लाए नहीं और न ही अपने बैड से उठकर बाहर भागें। उन्हें एहसास कराएं कि वे सुरक्षित हैं जिससे उनमें डर से लड़ने की हिम्मत आएगी।

5. समय बिताएं
अकेले सोने में बच्चों को डर लगे तो उनके साथ कुछ देर लेट जाएं और अच्छी बातें सुनाते हुए थोड़ा समय बिताएं। जब वे सो भी जाए तो भी 10-15 मिनट के अंतराल में उन्हें देखने के लिए आएं। ऐसे में बच्चे अपने आप को अकेला नहीं समझेंगे।
 

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