नारी डेस्क: सोमवार रात आगरा के फाउंड्री नगर क्षेत्र की गोकुल विहार कॉलोनी में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यमुना नदी के तेज बहाव के कारण एक मकान अचानक भरभराकर गिर गया। गनीमत यह रही कि परिवार के लोग समय रहते मकान से बाहर निकल गए और एक बड़ा हादसा टल गया।
क्या हुआ घटना की रात?
इस मकान में रहने वाली उर्मिला देवी ने बताया कि वह अपने पति के निधन (2019) के बाद अपनी दो बेटियों कंचन और गुंजन के साथ रहती हैं। सोमवार रात करीब 10 बजे, जब वे लोग सोने जा रहे थे, तभी छोटी बेटी गुंजन को दीवारों से चटकने की आवाज सुनाई दी।
लाइट जलाकर देखा गया तो दीवारों में दरारें नजर आईं। उन्होंने बिना देर किए तुरंत घर से बाहर निकलने का फैसला किया। जैसे ही वे बाहर आए, घर का पिछला हिस्सा अचानक गिर गया। उर्मिला देवी ने बताया, हमें इतना भी समय नहीं मिला कि कुछ जरूरी सामान भी बाहर निकाल पाते। बस जान बच गई, यही बहुत है।"
शादी की तैयारियां थीं जो मलबे में दब गईं
उर्मिला देवी की बड़ी बेटी कंचन की शादी नवंबर में तय थी। घर में शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। कपड़े, गहने और अन्य सामान खरीदकर रखा गया था। लेकिन हादसे में सब कुछ मलबे में दब गया कंचन ने कहा, हमने शादी के लिए महीनों से सामान जुटाया था। अब सब कुछ खत्म हो गया। लाखों रुपये का नुकसान हो गया है।"
मौके पर मची अफरा-तफरी, विधायक पहुंचे मदद के लिए
घटना के बाद आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। मकान गिरने की तेज आवाज सुनते ही लोग बाहर निकल आए। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। क्षेत्रीय विधायक धर्मपाल सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। फिलहाल, उर्मिला देवी और उनका परिवार रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट हो गया है।
प्राकृतिक आपदा या प्रशासन की लापरवाही?
यह घटना एक बार फिर ये सोचने पर मजबूर करती है कि नदी किनारे बने घरों को लेकर कितनी सतर्कता बरती जा रही है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ते ही कई कॉलोनियों में खतरा बढ़ जाता है, लेकिन क्या प्रशासन समय रहते चेतावनी देता है?
सौभाग्य से इस हादसे में कोई जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक परिवार का सपनों का आशियाना और बेटी की शादी की सारी तैयारियां मिट्टी में मिल गईं। यह हादसा इस बात की चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता और समय पर कार्रवाई कितनी ज़रूरी है।