सावन का पवित्र महीना इस साल कई मायनों में खास है।,इस बार मलमास लगने के कारण सावन का महीना पूरे 59 दिनों का होने जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार, इस महीने भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। मान्यता यह है कि इस दौरान हर सुहागिन महिला अपने पति की खुशहाली के लिए कामना करती रहती है, क्योंकि पति से ही महिला का सौभाग्य माना जाता है।
चाहे कुंवारी लड़कियां हो या शादीशुदा महिलाएं सभी भगवान शिव को मनाने के लिए सावन मास में विशेष जतन करती हैं। इस दौरान शादीशुदा महिलाएं ना सिर्फ वक्र करती हैं बल्कि सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना भी करती हैं। शास्त्रों के अनुसार सोलह श्रृंगार सिर्फ खूबसूरती ही नहीं महिलाओं के भाग्य को भी बढ़ाता है। चलिए जानते हैं सोलह श्रृंगार में होते हैं कौन-कौन से
लाल जोड़ा
सावन महीने में भगवान शिव का आर्शीवाद पाने के लिए आप लाल रंग के कपड़े पहनें। इसे सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। भूलकर भी सावन में काले रंग के वस्त्र ना पहनें।
बिंदी
दोनों भौंहों के बीच कुमकुम से लगाई जाने वाली बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है। सुहागिन महिलाएं कुमकुम या सिंदूर से लाल बिंदी जरूर लगाएं।
मेहंदी
मेहंदी को सुहागिन का अहम शगुन माना जाता है। इसलिए हाथों पर मेहंदी लगाकर शगुन जरूर करें।
झुमके
सोलह श्रृंगार झुमकों के बिना अधूरा-सा लगता है। कहा जाता है कि महिलाओं को अपने कान सूने नहीं रखने चाहिए ।
काजल
काजल अशुभ नजरों से बचाव करता है। इसलिए काजल लगाना हर स्त्री के लिए बेहद शुभ माना जाता है
सिंदूर
सावन महीने में चटक लाल रंग का सिंदूर भरना चाहिए। मान्यता है कि इससे पति की उम्र लंबी होती है और भोलेनाथ भी प्रसन्न रहते हैं।
गजरा
जमाना चाहे कोई भी हो गजरे का ट्रैंड हमेशा एवरग्रीन रहता है। ऐसे में सावन महीने में आप पति के हाथों से गजरा जरूर पहनें।
मंगलसूत्र
सुहागिन स्त्रियों को कभी भी खाली गले से नहीं रहना चाहिए। इसके लिए सबसे आदर्श मंगलसूत्र माना जाता है।
बाजूबंद
महिलाओं का यह आभूषण सोने या चांदी से बना हुआ होता है। कहा जाता है इसे पहनने से परिवार के धन की रक्षा होती है।
हरी-लाल चूड़ियां
सावन में सिर्फ शादीशुदा ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी हरी-लाल चूड़ियां पहनती हैं। हरा रंग प्रकृति का माना जाता है जो जीवन में खुशियां लाता है। वहीं, लाल रंग सुहागिन औरत के जीवन में खुशियां व सौभाग्य लाता है।
नथ
हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों को नाक में कोई आभूषण पहनना अनिर्वाय माना गया है। नोजपिन को सुहाग की निशानी से जोड़कर देखा जाता है।
बिछुआ
पैरों की अंगुलियों में पहने जाने वाला ये चांदी का बिछुआ इस बात का प्रतीक होता है कि दुल्हन शादी के बाद सभी परेशानियों का हिम्मत के साथ मुकाबला करेगी.
मांग टीका
माथे के बीचों-बीच पहने जाने वाला मांग टीका हर लड़की की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।
पायल
पांव में चांदी के पायल या पाजेब पहनना भी महिलाओं के 16 श्रृंगारों में से एक होता है
अंगूठी
अंगूठी वाली उंगली की नस मस्तिष्क से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि इससे मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है।
कमरबंद
कमरबंद प्रतीक होता है कि सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है