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कमाकर घर चलाना पुरुषों और बच्चा संभालना महिलाओं की जिम्मेदारीः सर्वे

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 04 Mar, 2022 02:16 PM
कमाकर घर चलाना पुरुषों और बच्चा संभालना महिलाओं की जिम्मेदारीः सर्वे

आजकल की महिलाएं सिर्फ घर ही नहीं बल्कि बिजनेसवुमन के रूप में ऊभर के आ रही हैं। महिलाएं घर संभालने के साथ-साथ बाहर निकलकर राजनीति, एक्टिंग और बिजनेस में अपना करियर और बुलंदियां हासिल करें... यह सब हमारे देश के पुरुषों को भी सब स्वीकार है। मगर, इसी के साथ पुरुष यह भी चाहते हैं कि उनकी पत्नियां घर की जिम्मेदारी भी अकेले ही उठाएं और उनकी आज्ञा का पालन करें। ऐसा हमारा नहीं बल्कि अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर की​ रिपोर्ट का कहना है।

रिसर्च में हुए चौकांने वाले खुलासे

साल 2019-20 के बीच प्यू रिसर्च सेंटर ने भारत में लैंगिक समस्याओं एक सर्वे किया, जिसमें 29,999 भारतीयों भारतीय शामिल थे। सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय पुरुष महिलाओं को वर्किंग वुमन के रूप में स्वीकार तो करते हैं लेकिन ज्यादातर पुरुष इस पक्ष में दिखे कि पारंपरिक जिम्मेदारियां भी महिलाएं निभाएं। यही नहीं, 10 में से 9 भारतीयों पुरुष का कहना है कि महिलाओं को हमेशा अपने पति की बात माननी चाहिए, फिर चाहे वो गलत हो या सही।

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बच्चों की जिम्मेदारी भी महिलाएं संभालें

सर्वे के मुताबिक, पुरुष चाहते हैं कि महिलाएं दफ्तर के साथ-साथ घर व बच्चे की जिम्मेदारियां भी अकेले ही संभालें। वहीं 34% महिलाओं का कहना है कि बच्चों की प्राथमिक देखभाल पुरुषों को करनी चाहिए।

कमाना पुरुषों का काम, उन्हें मिले नौकरी में प्राथमिकता

नौकरी और कमाई पर 54% लोगों का कहना है कि पति-पत्नी दोनों को मिलकर घर चलाना चाहिए जबकि 43% लोगों का कहना है कि यह पुरुषों का काम है। हैरानी की बात तो यह है कि 80% भारतीयों का भी यही मानना है कि कमाई के मामले में पुरुषों को वरीयता दी जानी चाहिए। हालांकि पढ़े-लिखे लोगों में यह सोच कम है। हैरानी की बात तो यह है कि 16% महिलाओं ने दफ्तर में व्यक्तिगत रूप से लिंग के आधार पर भेदभाव महसूस किया।

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महिला सुरक्षा पर बदला नजरिया, बोले- पुरुषों को सिखाएं सम्मान करना

हालांकि पिछले कुछ में महिलाओं की सुरक्षा पर लोगों के नजरिया काफी बदला है। सर्वे में बहुत से लोगों ने कहा कि उनके साथ होने वाले अपराध के लिए महिलाएं ही जिम्मेदार है इसलिए महिलाएं उचित व्यवहार करें। हालांकि, 75% भारतीयों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक बड़ी समस्या है। वहीं, 50% लोगों को लगता है कि पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।

महिलाएं होती हैं अच्छी नेता फिर भी नहीं मिलते मौके

महिलाएं भारत के मतदाता आधार का लगभग आधी आबादी हैं लेकिन फिर भी बहुमत यानी 55% ने कहा कि महिलाएं और पुरुष समान रूप से अच्छे राजनीतिक नेता हैं जबकि 14% का मानना है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में बेहतर नेता बन सकती हैं।

परिवार में एक बेटा जरूरी

आजकल बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीं लेकिन फिर भी 94% भारतीयों का मानना है कि वंश बढ़ाने के लिए परिवार में एक बेटा होना जरूरी है। वहीं, 90% के मुताबिक एक बेटा और एक बेटी होनी चाहिए। अधिकारों की बात करें तो 64% भारतीयों के मुताबिक, माता-पिता की संपत्ति पर दोनों का बराबर हक होना चाहिए। 10 में से 4 वयस्कों ने कहा कि बुजुर्ग मां-बाप की देखभाल की जिम्मेदारी बेटों की होने चाहिए जबकि सिर्फ 2% ने ​बेटियों मां-बाप की जिम्मेदारी उठाने की बात कही।

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किसी हो माता-पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी

रिपोर्ट के मुताबिक, 74% मुस्लिम, 67% जैन और 63% हिंदू का कहना है कि माता-पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी बेटों की होनी चाहिए। जबकि 29% सिखों, 44% ईसाइयों और 46% बौद्ध धर्मावलंबी अंतिम संस्कार के लिए बेटों से उम्मीद करते हैं।

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