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Menopause के दौरान क्यों लगती है महिलाओं को अधिक गर्मी ? जानें Hot Flashes को मैनेज करने के तरीके

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Feb, 2023 10:50 AM
Menopause के दौरान क्यों लगती है महिलाओं को अधिक गर्मी ? जानें Hot Flashes को मैनेज करने के तरीके

रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज के दौरान हर महिला लव और हेट का अनुभव करती है। क्योंकि एक तरफ हर महीने आने वाले पीरियड्स से छुटकारा मिल जाता है वहीं दूसरी तरफ उनके शरीर को कई तरह की परेशानियों को भी झेलना पड़ता है। इसमें ड्राई प्राइवेट पार्ट से लेकर अनिद्र, थकान और जोड़ों का दर्द आदि शामिल है। इस दौरान कई महिलाएं  बहुत ज्यादा गर्मी लगने के अनुभव से भी गुजरती है। मेडिकल साइंस भाषा में इसे हॉट फ्लैशेज कहा जाता है।

 
कुछ महिलाओं को होती है घबराहट

यह बुखार नहीं होता, पर इससे उन्हें बहुत घबराहट महसूस होती है। महिलाओं में यह समस्या मेनोपॉज से पहले भी देखने को मिलती है, जिसका कारण तनाव, गलत खान-पान या किसी बीमारी के कारण हो सकता है। द क्वीन्स मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मेयो क्लिनिक सेंटर फॉर ट्रांसलेशनल साइंस एक्टिविटीज, इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शियस डिजीज एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन इन द यूनिवर्सिटी ऑफ केप टाउन के शोधकर्ताओं ने इसका कारण जानने की कोशिश की है। वैज्ञानिकों की मानें तो  शरीर में आए इन हार्मोनल बदलाव के कारण बॉडी टेम्प्रेचर प्रभावित होता है, जिससे हॉट फ्लैशेस की समस्या हो जाती है।

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हॉट फ्लैशेस के कारण

यह समस्या ज्यादातर मेनोपॉज या शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण होती है लेकिन अगर आपको यह समस्या 30 से पहले हो तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे...

-गलत खानपान
-कमरे का अधिक तापमान
-टाइट कपड़े पहनना
-तनाव और चिंता
-गर्भावस्था, की पहली और दूसरी तिमाही के दौरान
-हाइपरथायरायडिज्‍म
-कीमोथेरपी
-रीढ़ की हड्डी में घाव होना
-कुछ दवाओं के साइड-इफैक्ट्स के कारण

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भारतीय महिलाओं  काे ज्यादा होती है ये समस्या

शोधकर्ताओं के अनुसार महिलाओं में मासिक धर्म की अवधि समाप्त होने से पहले हॉट फ्लैशेस के लक्षण शुरू हो जाते हैं, उन्हें यह समस्या 7 से 10 साल तक रहती है। वहीं जिन महिलाओं को यह लक्षण महसूस नहीं होते उन्हें यह प्रॉब्लम 2 से 3 साल तक रहती है। कुछ महिलाओं को यह कई कई सालों तक प्रभावित कर सकती है। आपकी उम्र के 70 या 80वें दशक में भी आप इससे परेशान हो सकती हैं। ऐसा संभवतः शरीर के तापमान नियंत्रण को प्रभावित करने वाले हार्मोन परिवर्तन के कारण होता हैं। रिसर्च के मुताबिक, भारतीय महिलाओं को यह समस्या अधिक होती है।

ये होतै  हैं हॉट फ्लैशेज के लक्षण 

हॉट फ्लैशेज की समस्या कुछ महीनों या सालों तक भी रह सकती है। हालांकि इसे खत्म नहीं किया जा सकता, पर कुछ तरीकों से इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है।  अगर आप मेनोपॉज की स्थिति से गुजर रही हैं तो आपको गायनी से सलाह करनी चाहिए। यह बात बहुत कम महिलाएं जानती होगी कि  मेनोपॉज के दौरान दांतों में दर्द, त्वचा में खुजली, रूखी त्वचा, अचानक घबराहट जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।

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क्या है हॉट फ्लैशेस का उपचार 

हॉट फ्लैशेस का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपको यह समस्या किस वजह से हुई है इसलिए कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। अगर समस्या हार्मोन्स बिगड़ने के कारण हुई हो तो डॉक्टर्स हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाने की सलाह देते हैं।   जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर या खून के थक्के जमने की शिकायत हो या कभी रही हो उन्हें यह थेरेपी नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा  चुरल तरीके से हॉट फ्लैशेज को कम किया जा सकता है जैसे- 

-रूम टेम्प्रेचर पर खुद को ठंडा करने का प्रयास करें
-यह समस्या अधिक तनाव लेने के कारण भी हो सकती है इसलिए स्ट्रेस को दूर करने के लिए रोजाना मेडिटेशन, प्राणायाम, श्वास व्यायाम और योग करें।
-नेचुरल फाइबर के कपड़ों का इस्तेमाल करें। इससे आपका शरीर अच्छी तरह से सांस ले पाएगा और गर्मी का एहसास कम हो जाएगा।
-मसालेदार भोजन, कैफीन युक्त पेय, और शराब का सेवन हॉट फ्लैशेस को बढ़ावा देते हैं इसलिए ऐसी चीजों से दूर रहें।
-डाइट में ठंडे पेय ज्यादा शामिल करें, जिससे शरीर का तापमान सही रहे।
 

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