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Diabetes मरीजों को क्यों अधिक होता है हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Nov, 2021 10:08 AM
Diabetes मरीजों को क्यों अधिक होता है हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा?

खराब जीवनशैली और गलत खानपान के कारण आज हर व्यक्ति किसी ना बीमारी से पीड़ित है, जिसमें डायबिटीज सबसे कॉमन है। डायबिटीज को हल्के में खतरनाक हो सकता है क्योंकि अनकंट्रोल शुगर ना सिर्फ आंखों की रोशनी छीन सकती है बल्कि इससे किडनी, शरीर के महत्वपूर्ण अंगों व दिल पर बुरा असर डालती है। वहीं, शोध की मानें तो डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक, वैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक का खतरा भी दूसरों के मुकाबले अधिक होता है। चलिए आपको बताते हैं कि डायबिटीज मरीजों को क्यों अधिक होता है हार्ट अटैक का खतरा...

डायबिटीज की समस्या में हार्ट अटैक

डायबिटीज में रक्त शर्करा का स्तर गड़बड़ा जाता है, जिससे शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता। आम भाषा में इसे ब्लड शुगर बढ़ना भी कहा जाता है। जो लंबे समय तक डायबिटीज से ग्रस्त हो उन्हें सीने में हल्का दर्द होना सामान्य नहीं माना जाता है क्योंकि यह हार्ट अटैक का लक्षण होता है।

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डायबिटीज मरीजों को अधिक खतरा क्यों?

- डायबिटीज में दिल का दौरा या स्ट्रोक की संभावना 2 से 4 गुना बढ़ जाती है। दरअसल, ऐसे मरीजों में दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से को सही तरीके से रक्त नहीं मिल पाता, जिसके कारण दिल के टिश्यूज निष्क्रिय हो जाते है। इसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। शोध की मानें तो डायबिटीज़ में दिल के दौरों में से लगभग 25-30% साइलेंट हार्ट अटैक ही होते हैं। 
- साइलेंट या हार्ट अटैक का कारण ज्यादातर एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) होता है। इस स्थिति में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं। शुगर अनियंत्रित होने से खून के थक्के नहीं बनते बल्कि खून जम जाता है और डायबीटिक्स की रक्त धमनियों में बनने वाले प्लैक में भी कई बदलाव होते हैं। इससे दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
- डायबीटिक मरीज नर्व डैमेज या ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के कारण सीने में दर्द या अटैक के दूसरे लक्षण नहीं पहचान पाते।

क्या होता है साइलेंट चेस्ट पेन?

मधुमेह जैसी क्रॉनिक डिजीज भी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं, जिसका सबसे पहला लक्षण है साइलेंट चेस्ट पेन यानी सीने में दर्द... यह एक ऐसी स्थिति होती है जब मरीज क सीने में हल्का दर्द व सांस लेने में तकलीफ होती है। हालांकि मरीज इसे मामलू समय़ इग्नोर कर देते हैं, जिससे उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। कई मामलों में तो मरीज की मौत भी हो जाती है। हालांकि कुछ मामलों में अटैक से पहले कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते।

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साइलेंट चेस्ट पेन के कारण हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

- डायबिटीज मरीजों को स्वस्थ खानापान के साथ सही लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए। डाइट में कार्ब्स और फैट्स की मात्रा कम लें।
- साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए विटामिन्स और मिनरल्स की मात्रा बढ़ा दें।
- नियमित ब्लड शुगर और दिल के सेहत की जांच जरूर करें।
- अधिक मीठी चीजों से दूरी बनाकर रखें, खासकर आर्टिफिशयल शुगर वाली चीजों से।

शुगर कंट्रोल करने के देसी नुस्खे

. रोजाना सुबह इसकी 2-3 पत्तियां खाने से शुगर लेवल ठीक रहता है।
. ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
. जामुन के बीजों का चूर्ण भी डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके लिए जामुन के बीजों को धोकर अच्छी तरह सुखाएं और फिर पाउडर बना लें। अब रोजाना इसके आधे चूर्ण का सेवन करें।
. रोजाना 1 गिलास करेले, लौकी का जूस पीएं।
. रोजाना 50 ग्राम मेथी को रातभर भिगोएं और सुबह खाली पेट खाएं। इससे खून में ग्लूकोज लेवल सही रहता है।

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