बिगड़ते लाइफस्टाइल के साथ लोगों में हैल्थ प्रॉब्लम्स भी बढ़ती जा रही हैं। उन्हीं में से एक है कम सुनाई देना या बहरापन। हाल ही में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि साल 2050 तक हर 4 में से 1 व्यक्ति बहरेपन की समस्या से जूझ रहा होगा। गौरतलब हो कि हर साल 3 मार्च को पूरी दुनिया में विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) भी मनाया जाता है ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाए।
दुनिया भर में 2.5 बिलियन लोग होंगे प्रभावित
WHO ने रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक दुनिया के करीब 2.5 बिलियन लोग अपने सुनने की शक्ति खो चुके होंगे। मौजूदा वक्त में वैश्विक स्तर पर करीब 20% लोग जूझ रहे हैं लेकिन अगर सही कदम ना उठाए गए तो यह संख्या 700 मिलियन तक भी पहुंच सकती है, जिससे उन्हें किसी ना किसी इलाज की भी जरूरत पड़ेगी। वहीं, इसका असर कम्युनिकेट, पढ़ाई-लिखाई के साथ रोजगार पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।
जानकारी की कमी सबसे बड़ा कारण
बहरेपन और सुनने की शक्ति कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल और जानकारी का अभाव है। वहीं, 50% लोग तो बहरेपन या हियरिंग लॉस के लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में बड़ी समस्या बनकर उभरती है। वहीं, इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हेल्थ सिस्टम में कोई पहल नही की गई। क्योंकि कम आय वाले देशों में ऑडियोलॉजिस्ट की संख्या 93% कम है।
बहरेपन या हियरिंग लॉस का कारण
. खराब लाइफस्टाइल
. उचित जानकारी का अभाव
. कानों को लेकर उचित इलाज की कमी
. इंफेक्शन या जन्म दोष
. ध्वनि प्रदूषण और तेज आवाज में म्यूजिक सुनना
. इसके अलावा ओटोस्क्लेरोसिस, मेनिएरेस, एकोस्टिक न्यूरोमा, गलसुआ और खसरा जैसी बीमारियां भी इसकी वजह बनती है।
इन लक्षणों को समझकर करवाएं इलाज
. सुनने में आ रही कठिनाई
. कान में बार-बार झनझनाहट
. अक्सर कान में दर्द रहना
. कई बार कान का बहना
. शोर में बात समझने में दिक्कत
कड़े कदम उठाना जरूरी
दुनियाभर में लोगों के बहरेपन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए WHO ने कहा कि इससे निपटने के लिए कुछ बड़े कदम उठाने जरूरी है। इसके साथ ही लोगों को भी अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने चाहिए।
. टीकाकरण, उचित देखभाल और स्क्रीनिंग के जरिए बच्चों में बहरेपन की समस्या 60% तक कम की जा सकती है।
. बड़े व युवा लोग तेज आवाज में म्यूजिक सुनना, हर वक्त हैडफोन लगाकर रखने जैसी आदतों को छोड़कर इससे बच सकते हैं।
. अगर कम सुनाई देने लगे या कानों में कोई भी समस्या हो तुरंत ऑडियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
. कान की अच्छी तरह साफ-सफाई रखना भी जरूरी है क्योंकि इसका एक कारण कान का वैक्स भी है।
. नाक की एलर्जी और ठंड के कारण कान में इंफेक्शन हो सकता है इसलिए इससे बचाव रखें।