नारी डेस्क: आज साल 2025 की आखिरी शनि अमावस्या है, जो हिंदू धर्म में बेहद खास मानी जाती है। अमावस्या तिथि वैसे भी पितरों को समर्पित होती है और इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य आदि का विशेष महत्व होता है। जब अमावस्या शनिवार को आती है, तो उसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है।
शास्त्रों के अनुसार शनि अमावस्या की रात कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इस रात नकारात्मक शक्तियों और पाप ग्रहों का प्रभाव ज़्यादा रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए।
शनि अमावस्या की रात क्या नहीं करना चाहिए?
रात को बाहर न जाएं: अमावस्या की रात को बाहर निकलने से बचना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा ज़्यादा सक्रिय रहती है।
कपड़े बाहर न सुखाएं: इस रात अपने कपड़े बाहर न छोड़ें। इससे नकारात्मक ऊर्जा कपड़ों में समा सकती है।
अनजान लोगों से कुछ खाने-पीने की चीज़ें न लें: अगर कोई अनजान व्यक्ति खाने-पीने की चीज़ें दे, तो उसे लेने से बचें। ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
श्मशान या सुनसान जगहों से दूर रहें:अमावस्या की रात श्मशान, कब्रिस्तान या सुनसान जगहों पर जाने से बचें।
मन पर नियंत्रण रखें: चंद्रमा की ऊर्जा इस रात कमजोर होती है, जिससे मन अशांत हो सकता है। इसलिए क्रोध, चिंता या तनाव से दूर रहें।

शनि अमावस्या की रात क्या करना चाहिए?
हनुमान चालीसा का पाठ करें: इस रात हनुमान चालीसा का जितना हो सके, उतना बार पाठ करें। इससे डर, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
ईष्ट देव का नाम जपें: अपने ईष्ट देवता का स्मरण करें, मंत्र जप करें और ध्यान लगाएं।
बीमार व्यक्ति के लिए उपाय: यदि घर में कोई बीमार है, तो उसके पहने कपड़े का धागा निकालें, उसे रूई में लपेटकर हनुमान मंदिर में मिट्टी के दीये में बाती बनाकर जलाएं। इससे राहत मिल सकती है।
पीपल के पेड़ के नीचे उपाय करें: एक कलावा (मौली) लें और उसमें एक सिक्का व सुपारी बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। फिर उसी पेड़ से एक पत्ता तोड़ें, उसे गंगाजल से साफ करें और अपनी तिजोरी में मां लक्ष्मी की तस्वीर के सामने रखें। इससे आर्थिक परेशानियों में कमी आ सकती है।

शनि अमावस्या आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन यदि सही तरीके से पूजा-पाठ और उपाय किए जाएं, तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है, नकारात्मकता दूर होती है और आर्थिक व मानसिक समस्याओं से भी राहत मिलती है।
इस दिन संयम और श्रद्धा के साथ व्यवहार करना चाहिए, और जो काम नहीं करने चाहिए, उनसे दूर रहना चाहिए।