
नारी डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले ने कई हंसते खेलते परिवारों को तबाह कर दिया। हमले में मारे गए लोगों में से लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी थे जिनके घर में कुछ दिन पहले बैंड बाजे बजे थे आज वहां सिर्फ चीख-पुकार सुनाई दे रही है। जिस बहन ने बड़े चाव से अपने भाई के सिर पर सहरा सजाया था आज उसी बहन ने अपने भाई को मुखाग्नि दी। जब मां और बहन ने लेफ्टिनेंट विनय को कंधा दिया तो वहां खड़ा हर एक शख्स रो पड़े। आतंकियों ने एक पल में इस परिवार की खुशियां छीन ली। सवाल यह है कि इनका कसूर क्या था?
नरवाल का पार्थिव शरीर नौसेना के वाहन में उनके घर करनाल लाया गया। वाहन में विनय नरवाल की पत्नी और परिवार के कुछ अन्य सदस्य मौजूद थे। जैसे ही पार्थिव शरीर को करनाल लाया गया, बड़ी संख्या में लोग विनय को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान कुछ लोगों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए। इस दौरान विनय की बहन ने अपने भाई को खुद मुखाग्नि दी, इस बेबस बहन की हालत किसी से देखी नहीं जा रही थी।
इस बीच जब हरियाणा के सीएम नायाब सैनी विनय की बहन से मिलने गए तो उसने रोते हुए कहा- "कोई नहीं आया वहां पर, वो जिंदा था 2 घंटे तक अगर आर्मी होती तो वो बच सकता था, कोई भी नहीं आया."। उसने चीखते हुए कहा-"आई वांट देम टू बी डेड (मैं चाहती हूं वो आतंकी जिंदा न रहे) जिसने मेरे भाई को मारा, मुझे उसका सिर चाहिए."। इस पर सीएम सैनी ने भरोसा दिलाया कि 'वो मरेगा जिसने मारा, न्याय जरूर मिलेगा.'।
इससे पहले नरवाल की पत्नी हिमांशी ने तिरंगे में लिपटे अपने पति के ताबूत को गले लगाकर अंतिम विदाई दी। गुरुग्राम की रहने वाली हिमांशी पीएचडी कर रही हैं। उन्होंने अपने पति को विदाई देते हुए कहा- “भगवान उनकी (विनय नरवाल) आत्मा को शांति दें। हमें उन पर हर तरह से गर्व होना चाहिए। और हम उन्हें हर तरह से गौरवान्वित करेंगे।”