ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में डोरबेल लगाई होती है। घर बड़े होने के कारण कई बार दरवाजे की घंटी सुनाई नहीं देती। इसलिए सभी अपने घर में डोरबेल लगाते हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में डोरबेल लगाते समय आपको कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। यदि सही दिशा में डोरबेल लगाई जाए तो आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि आपको कैसी डोरबेल अपने घर में लगानी चाहिए।
इस दिशा में लगाएं मंत्रोच्चार वाली डोरबेल
वास्तु के मुताबिक, मंत्रोच्चार वाली डोर बेल आपके घर में सकरात्मक माहौल बनाकर रखती है। इसमें मौजूद ध्वनि से घर में रहने वाले व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। आप ऐसी डोर बेल दक्षिण पूर्वी दीवार या फिर पूर्व दिशा में लगा सकते हैं। इससे आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का आगमन होगा।
पक्षियों की चहचहाने वाली डोरबेल
यदि आप पक्षियों के चहचहाने वाली डोरबेल घर के बाहर लगाना चाहते हैं तो इसे उत्तर-पश्चिचम की दीवार पर लगाएं। इस दिशा में लगाई हुई डोरबेल शुभ मानी जाती है। ऐसी डोरबेल से आपके घर में शुद्ध हवा का आगमन होता है।
ज्यादा ऊंची आवाज वाली डोरबेल न लगाएं
इसके अलावा आप घर में ज्यादा ऊंची आवाज में शोर करने वाले डोरबेल न लगाएं। ऐसे डोरबेल आपके घर में नेगेटिविटी ला सकते हैं। आप मधूर आवाज वाले डोरबेल घर में लगाएं। इससे आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बना रहेगा।
पूजा-पाठ वाले स्थान पर न लगाएं डोरबेल
डोर बेल आप भूलकर भी मंदिर या फिर पूजा वाले स्थान पर न लगाएं। इससे आपका मन पूजा की ओर नहीं लगेगा और आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति भी नहीं होगी।
नेमप्लेट के ऊपर लगाएं डोरबेल
वास्तु के अनुसार, डोरबेल को हमेशा अपने नेमप्लेट के ऊपर लगाएं। इससे आपके रिश्तेदारों और मेहमानों के साथ रिश्ते मधूर बने रहते हैं। घर के मुखिया की भी तरक्की होती है।