तलाक के बाद जितना दुख एक लड़की को होता हैं, उससे कई गुना दुख मां-बाप अपनी बेटी के घर टूटने से होता है। इसलिए पेरेंट्स चाहते हुए भी अपनी बच्ची का साथ नहीं दे पाते मगर आज हम आपको बॉलीवुड के उन बेस्ट पापा से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने बेटी के तलाक के बाद उन्हें टूटने नहीं दिया बल्कि मायके में जगह दी और इस दर्द से ऊभरने में उनकी मदद की। तो चलिए जान लेते है उन बेटियों के नाम जो तलाक बाद मायके की बगियां संवार रही है...
सबसे पहले तो बात करिश्मा कपूर की कर लेते हैं जिन्होंने साल 2003 में संजय कपूर संग शादी की लेकिन पति के टॉर्चर के चलते साल 2016 में तलाक भी ले लिया मगर इस दौरान रणधीर कपूर ने उन्हें ना सिर्फ इमोशनली सपोर्ट किया बल्कि फिर से अपने घर की रौनक बना लिया। करिश्मा तलाक के बाद से ही पापा रणधीर कपूर के साथ रहती है।
सुजैन खान
70 के दशक में हीरो रह चुके संजय खान की बेटी सुजैन ने साल 2000 में एक्टर ऋतिक से शादी की थी। शादी के बाद उन्हें 2 बेटे हुए। मगर कुछ कारण से दोनों ने साल 2014 में तलाक ले लिया। तलाक के बाद सुजैन पापा संजय खान के घर आकर रहने लगी। संजय खान ने उनका पूरा सपोर्ट किया। हालांकि, वो बच्चों से मिलने भी जाती रहती है।
सुनैना रोशन
एक्टर और डायरेक्टर राकेश रोशन की बेटी सुनैना ने दो शादियां रचाई हैं, लेकिन दोनों ही बार तलाक हो गया। सुनैना ने पहली शादी आशीष सोनी के साथ की लेकिन साल 2000 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद सुनैना ने साल 2009 में मोहन नागर से शादी रचाई। मगर यह शादी भी नहीं चल पाई जिसके बाद सुनैना पति का घर छोड़कर पापा राकेश रोशन के साथ रहने लगी।
पूजा बेदी
एक्ट्रेस पूजा बेदी अभिनेता और बिजनेसमैन कबीर बेदी की बेटी हैं। पूजा ने साल 1994 में फरहान फर्नीचरवाला से शादी रचाई थी मगर साल 2013 में तलाक लेकर पिता कबीर बेदी के साथ रहने लगी। शादी से उन्हें दो बच्चे अलाया और ओमर फर्नीचरवाला हुए।
सौंदर्या रजनीकांत
साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी सौंदर्या ने साल 2010 में अश्विन राजकुमार से शादी रचाई थी मगर 7 साल बाद उन्होंने तलाक ले लिया। तलाक होने के बाद सौंदर्या पापा रजनीकांत के साथ उन के घर ही रहने लगीं थी। हालांकि अब सौंदर्या ने फिर से शादी रचा ली है।
तो ये थे बॉलीवुड के वो पापा जिन्होंने अपनी बेटी के फैसला का सम्मान किया। उन्हें ताने देने के बजाए उनके साथ खड़े रहे। इन्होंने ना सिर्फ बेटी को फाइनेंशली सपोर्ट किया बल्कि उन्हें इमोशनली भी संभाला। नहीं तो हमारे समाज में आज भी कुछ पेरेंट्स हैं जो बेटी को यह कहकर ससुराल और पति के साथ रहने के लिए मजबूर कर देते हैं कि तलाक के बाद लोग क्या कहेंगे, अकेले जिंदगी कैसी काटोगी? पेरेंट्स का सपोर्ट ना मिलने की वजह से कुछ लड़कियां ससुराल में ही घुट-घुट कर जिंदगी बिता देती है, अपनी जिदंगी से समझौता कर लेती है।