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'बोट' शब्द से स्‍टूडेंट ने बनाया ऐसा वाक्‍य, इम्‍प्रेस हो गए शार्क टैंक इंडिया के जज Aman Gupta

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 03 Feb, 2023 01:24 PM
'बोट' शब्द से स्‍टूडेंट ने बनाया ऐसा वाक्‍य, इम्‍प्रेस हो गए शार्क टैंक इंडिया के जज Aman Gupta

बोट (Boat) के सीईओ अमन गुप्ता सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव हैं और अक्सर मनोरंजक पोस्ट शेयर करते हैं। शार्क टैंक इंडिया के दूसरे जज के साथ वीडियोज और तस्वीरों को साझा करने से लेकर अपने जीवन की झलकियां देने तक, अमन गुप्ता कई लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। उन्होंने अब एक पोस्ट शेयर किया है जो कि एक बच्चे की आंसर शीट  है, जिसे देखकर सब हैरान हैं। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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दरअसल, कुछ ही देर पहले अमन गुप्ता ने अपनी इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें एक बच्चे की आंसर शीट  देखी जा सकती हैं।  क्वेश्चन पेपर के एक सवाल में बच्चे  को एक शब्द को अपनी समझ के हिसाब से फ्रेम करना था। बच्चे ने  'बोट' के शब्द पर जवाब दिया 'बोट अमन गुप्ता द्वारा बनाया गया हेडफोन का एक ब्रेंड है'। ये एक यूजर पाटीलविक्रम की पोस्ट है जिसे अमन गुप्ता ने अपने ऑफिशियल हैंडल पर  शेयर किया है। साथ में अमन ने बड़ा ही मजेदार कैप्शन दिया है 'ए फॉर एप्पल, बी फॉर बोट। सारे किताबों में ये चेंज करने की पिटिशन है'। लोग इस पोस्ट को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं और अभी तक इस पोस्ट को 178,800 लाइक्स मिल चुके हैं। वहीं यूजर्स इस पोस्ट की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। आइए जानते हैं अमन गुप्ता के बारे में जिन्होनें 'शार्क टैंक शो' से बच्चों से लेकर बड़ों तक के बीच अच्छी पहचान बना ली है।

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अमन गुप्ता कौन हैं? 

अमन गुप्ता भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड- बोट के को-फाउंडर और मार्केटिंग डायरेक्टर हैं। अमन गुप्ता ने साल 2015 में बोट कंपनी की शुरुआत की थी। यह कंपनी हेडफोन, स्टीरियो, इयरफोन और ट्रैवल चार्जर सहित बहुत से इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बनाती है। लेकिन इनका सफल बिजनेसमैन बनने का सफर इतना आसान नहीं था।इस बारे में अमन ने खुद ही बताया था। अपने पुराने दिनों को याद कर अमन कहते हैं 'मैंने पापा के कहने पर CA किया था, पर मजा नहीं आया। इसके बाद दो साल नौकरी की, उसमें भी मजा नहीं आया।

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मुझे लग रहा था कि कुछ तो दिक्कत है।  इसके बाद मैंने और पापा ने फैसला किया कि अपना बिजनेस करेंगे। उनके पास अनुभव था और मेरे पास पैशन था। मेरा फैमिली बिजनेस नहीं था, पर हमने शुरूआत की। पहली सेल्स के दौरान मुझे एक कस्टमर पर काफी गुस्सा आ रहा था, वो बार-बार मुझे समय देकर टाल रहा था। तब मुझे पापा से सीख मिली कि ईगो नहीं होना चाहिए। मैंने चार-पांच साल वो बिजेनस किया।  हम एक कंपनी के लिए काम करते थे, पर उस कंपनी ने बाद में इंडिया में आकर अपना खुद का ऑफिस खोल लिया'।

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रिजेक्शन से हुए परेशान 

रिजेक्शन से हुए परेशान इसके बाद अमन गुप्ता बिजनेस छोड़कर एमबीए (MBA) करने लग गए। एमबीए करने के बाद उन्होंने फिर एक कंपनी जॉइन की,  पर उनका मन नहीं लगा। अमन थोड़े कंफ्यूज थे। वो कहते हैं, 'मैंने सोचा कि अब अपना बिजनेस करना चाहिए। उस वक्त भारत बदल रहा था। मार्केट में हमारे 200 ब्रांड्स थे। लोग कहते थे कि तुम क्या कर लोगे। तुम क्या कर सकते हो, पर मैंने किया। शुरूआत में मुझे रिजेक्शन बहुत मिली। सीए में भी रिजेक्शन मिली। कंपनी के कर्मचारी ने रिजेक्ट किया। लोन के लिए बैंक में भी रिजेक्शन मिला।' अमन कहते हैं कि रिजेक्शन मेरी लाइफ का हिस्सा रहा है। मेरे पास पैसे नहीं थे,जॉब भी नहीं थी, फिर भी अमन ने बिजनेस शुरू किया।

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अमन गुप्ता ने बोट का काम एक पब में बैठ कर शुरू किया था। इसके बाद 35 की उम्र में उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर डाली। शार्क टैंक इंडिया के जज का कहना है कि दिल में जो हो, उसे कर देना चाहिए, ताकि बाद में किसी तरह का मलाल ना रहे'।

अमन गुप्ता की नेट वर्थ

अब अमन गुप्ता की कुल संपत्ति 93 मिलियन डॉलर यानी 700 करोड़ रुपये की है। बोट कंपनी के अलावा अमन गुप्ता के शिपकार्ट, बमर और 10 क्लब सहित कई अन्य कंपनियों में भी शेयर होल्डर और निवेशक हैं।
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