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21वीं सदी में Joint Family की मिसाल है 'दोईजोडे परिवार’, एक छत के नीचे रहते हैं 4 पीढ़ियां के 72 लोग!

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 17 Nov, 2022 04:57 PM
21वीं सदी में Joint Family की मिसाल है 'दोईजोडे परिवार’, एक छत के नीचे रहते हैं 4 पीढ़ियां के 72 लोग!

आज के ज़माने में लोग जहां न्यूक्लियर फैमिली का चलन सा है। घर के बच्चे अकसर अच्छी जॉब के चक्कर में शहरों का रुख करते हैं और फिर अपने परिवार से अलग वहीं गुजर-बसर करने लगते हैं। लेकिन इस दौर में एक ऐसा परिवार भी है जो संयुक्त परिवार में रह कर मिसाल पेश कर रहा है। आपको बता दें कि कई पीढ़ियां बीत गई लेकिन यह परिवार कभी एक-दूसरे से जुदा नहीं हुआ। इतने सालों से साथ रहकर इनका रिश्ता आपस में पत्थर की तरह मजबूत हो गया है। 

72 सदस्यों का है परिवार

आपको बता दें कि यह दोईजोडे परिवार सोशल मीडिया में भी बहुत फेमस है और लोग इन पर जम कर प्यार लूटा रहे हैं। आज के दौर में एक परिवार ऐसा भी है जिसमें एक साथ 72 सदस्य रहते हैं। दादी-दादा, चाची-चाचा, बच्चे सब एक साथ एक घर में रहते हैं। सोलापुर में रहने वाले इस परिवार में 1 दिन में 1200 रुपये तक की सब्जियां लग जाती हैं, 10 लीटर दूध की खपत है, तो वहीं खाना बनाने के लिए छह से सात चूल्हों को एक साथ जलना पड़ता है।

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1 दिन में होता है 10 लीटर से ज्यादा दूध

मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला दो ही जोड़े परिवार 100 साल पहले सोलापुर में आकर बसा था धीरे धीरे संख्या बढ़ती रही और यह परिवार की चार पीढ़ियां एक साथ रह रही हैं। और आज इस परिवार में 72 सदस्य हैं और वो सभी एक साथ 1 ही घर में रहते हैं। परिवार बहुत बड़ा है लिहाज़ा राशन पानी की खपत भी उसी लिहाज से होती है। परिवार के कुछ सदस्यों के मुताबिक यहां 1 दिन में 10 लीटर से ज्यादा दूध खर्च हो जाता है तो वहीं 1000 से ₹1200 तक की तो सब्जियां ही आ जाती है और जब खाना बनाने की बारी आती है तो एक ही किचन में छह से सात चूल्हों को जलना पड़ता है, तब जाकर तैयार हो पाता है परिवार के एक वक्त का खाना। लेकिन इतना सब कुछ संभालना उन बहुओं के लिए आसान नहीं था जो दूसरे घर से ब्याह कर नयी-नयी इस परिवार का हिस्सा बनी थी।लेकिन सास, दादी और ननदों ने मिलकर ऐसी मदद की कि सब कुछ जल्दी ही ठीक हो गया।

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खबरों के मुताबिक इस परिवार का हर महीने का बिजली का खर्च 40 से 45 हजार रुपये आता है। हालांकि आपको बता दें कि इतने खर्चों के बाद भी बाद भी ये परिवार कारोबार के पीछे की सफलता का राज सयुंक्त परिवार को ही मानते हैं। दरअसल, दोईजोडे परिवार सोलापुर में टोपियाँ, कंबल का व्यापार करता है और इनकी कई दुकानें भी हैं।

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