विश्वभर में 17 मई को विश्व हाइपटेंशन दिवस (World Hypertension Day) मनाया जाता है। विश्व में हाइपरटेंशन की वजह से लगातार बढ़ रही मौतों को ध्यान में रखते हुए इस दिन को मनाने की शुरूआत की गई है। हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लैडप्रैशर की बीमारी भले ही सुनने में आम लगे लेकिन इससे जान जाने का खतरा रहता है। सिर्फ बड़े-बूढ़ों ही नहीं बल्कि बच्चे भी इसकी चपेट में है।
नमक से ज्यादा खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी खाने में नमक का अधिक सेवन करने से होती है। एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में 6 ग्राम से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। सिर्फ बल्ड प्रेशर ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और किडनी जैसी बीमारियां भी इसी वजह से होती है।
8% बच्चे हाइपरटेंशन का शिकार
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से विश्व में हर साल 75 लाख लोग जान गवां रहे हैं। तीस साल में यह आंकड़ा दोगुना हो गया है। नहीं, करीब 8% बच्चे भी इसकी चपेट में है। 28 हजार बच्चों पर की गई रिसर्च में पता चला कि 5 से 15 साल की उम्र के 8% बच्चे हाइपरटेंशन का शिकार हो जाते हैं।
बच्चे में हाई बीपी की वजह जंकफूड
इसका एक कारण जंक फूड का अधिक सेवन है। आजकल बच्चे-बड़े सभी बाहर का खाना यानि तेल मसालों से भरा हुआ खाना खाने के ही शौकीन है। स्वाद-स्वाद में उन्हें पता नहीं चलता कि वो कितना ज्यादा खा चुके है। लेकिन इसके साथ वह नमक की मात्रा हद से ज्यादा ले लेते हैं, जिस कारण उन्हें हाई बीपी और न जाने कौन-कौन सी बीमारियां आकर घेर लेती है।
भारतीय भोजन अधिक नुकसानदायक
भारतीय लोग ज्यादातर समोसे और कचौड़िया खाने के शौकीन होते हैं लेकिन इसमें नमक की मात्रा अधिक होती है। वहीं, एक ही तेल में बार-बार तलने की वजह से इनमें ट्रांस फैट बढ़ जाता है जो इंदौरियों में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ाता है।
आजकल पढ़ाई चलते बच्चों को खेल कूद का समय भी नहीं मिल पाता। वहीं, आउटडोर गेम्स की बजाए आजकल बच्चे मोबाइल व गैजेट्स पर खेलना पसंद करते है, जिसके कारण फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर हो गई है, जो बच्चों में इस आनुवांशिक बीमारी का खतरा बढ़ा रहा है।
बच्चों में हाइपरटेंशन के लक्षण
. जल्दी थकना या हांफना
. जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ना
. अधिक पसीना आना
. आंखों की रोशनी कमजोर होना
. लगातार सिरदर्द
. नाक बंद रहना
. चक्कर या उल्टी आना
. दिल की धड़कन बढ़ना
. छाती व पेट दर्द
. सांस लेने में दिक्कत
ऐसे करें बचाव
1. सबसे पहले तो रेगुलर बच्चों का चेकअप करवाते रहें, ताकि समय रहते किसी बड़े खतरे को टाला जा सके।
2. बच्चों को नमक, जंक, ऑयली, प्रोसेस्ड, चीनी, डिब्बाबंद चीजों से दूर रखें। 4 से 8 साल के बच्चे को एक दिन में 1200 मिलीग्राम से अधिक नमक ना दें।
3. भोजन में जितना हो सके पोटाशियम युक्त फूड्स शामिल करें। इससे शरीर में सोडियम की मात्रा कंट्रोल में रहती है। इससे ब्लड वेसल्स पर पड़ने वाला तनाव कम होता है, जिससे ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता।
4. इसके साथ ही बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी अधिक से अधिक करवाएं।