वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ मास यानि कि 10 जून को लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ मास की अमावस्या यानी ज्येष्ठ अमावस्या पर लगेगा। ज्येष्ठ अमावस्या इसलिए भी अहम मानी जाती है क्योंकि इस दिन वट सावित्री व्रत तथा शनि जयंती जैसे शुभ पर्व भी मनाए जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में इस बार यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, यही कारण है कि इस बार सुतक काल माना नहीं जाएगा और धार्मिक कार्यों पर पाबंदी नहीं लगेगी।
वहीं, जानकारों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियों का रखना बहुत जरूर हैं। जानकारों का मानना है कि किसी भी ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर सबसे ज्यादा पड़ता है इसीलिए उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आईए जानते हैं सूर्य ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
गर्भवती महिलाएं कभी भी नंगी आंखों से सूर्य ना देखें-
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं कभी भी नंगी आंखों से सूर्य न देखें। इस दौरान उन्हें सूर्य की किरणों से बचना चाहिए क्योंकि उनकी आंखों को नुकसान हो सकता है। यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से महिला के स्वास्थ्य और गर्भ पर बुरा असर पड़ता है।
घर से बिल्कुल भी बाहर न निकले गर्भवती महिलाएं-
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का घर पर ही रहना सुरक्षित है। ग्रहण काल के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि आपकी और गर्भ में पल रहे शिशु की त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। गर्भस्थ शिशु को ग्रहण की छाया से बचाना चाहिए।
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए-
गर्भवती महिलाएं इस बात पर विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह सूर्य ग्रहण काल में बिल्कुल भी सोए नहीं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घास पर बैठना चाहिए और इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण से पहले और बाद में स्नान जरूर करना चाहिए ताकि सूर्य ग्रहण का प्रभाव उन पर न पड़े।
नुकीली चीजों से दूरी बना कर रखें-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान नुकीली चीज़े जैसे कि चाकू, कैंची, पिन आदि से दूरी बना कर रखनी चाहिए, इसका इस्तेमाल करना शिशु का नुकसान पहुंचा सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान खाना न खाएं-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में खाना नहीं खाना चाहिए, वह सिर्फ फलाहार का सेवन करें और भोजन से दूर रहें।