बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई जिसमें वॉरियर आजी के नाम से मशहूर शांता पवार सड़क पर मार्शल आर्ट करती नजर आई , वीडियो वायरल होते ही लोगों ने वॉरियर आजी की खूब तारीफें की। मार्शल आर्ट कर अपने परिवार का पेट पालने वाली इस बुजुर्ग महिला के लिए एक्टर सोनू सूूूूूूूूूूूूूूूद ने मदद का वादा किया था।
दरअसल जब आजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था तो इस आजी के टेलेंट को और बढ़ावा देने के लिए सोनू सूद ने आर्थिक मदद की पेशकश की थी और उनके लिए एक मार्शल आर्ट ट्रेनिंग स्कूल बनाने का भी वादा किया था जहां वह छोटे बच्चों को ट्रेनिंग दे सकती हैं और अपनी बातों के पक्के सोनू सूद ने इस बार भी अपना वादा पूरा किया और आजी को गणेश चतुर्थी के मौके पर एक गिफ्ट दिया और उनके लिए मार्शियल आर्ट्स स्कूल खोला और इस मदद के लिए वॉरियर आजी सोनू सूद का शुक्रिया भी करती दिखाई दे रही हैं।
सोनू सूद ने पूरा किया अरमान
लोगों के लिए रियल लाइफ हीरो बने सोनू सूद की इस मदद से आजी इतनी खुश हैं कि उन्होंने सोनू सूद के नाम पर ही मार्शल आर्ट्स स्कूल का नाम भी रख दिया है। सोनू सूद का धन्यवाद जताते हुए आजी ने कहा, 'नमस्कार सोनू सूद बेटे को...मेरा जो अरमान था इस लाठी-काठी के लिए बच्चों को सिखाने का एक अरमान था तो वो अरमान मेरा पूरा हो गया है और वो अरमान मेरा सोनू सूद बेटे ने पूरा किया है।.... और उसका नाम मैं रखने वाली हूं सोनू सूद। मैं बहुत ही खुश हूं....नमस्कार करती हूं....।"
सोनू सूद चाहते थे आजी के नाम पर हो सकूल का नाम
अपने नाम पर स्कूल का नाम रखे जाने पर सोनू सूद ने कहा ,' मैं चाहता था कि स्कूल का नाम उनके नाम पर हो, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इसे मेरे नाम से रखेंगी। जब मैंने पहली बार उनको इसका आइडिया दिया तो वो बहुत ही उत्साहित होकर कहने लगीं कि वह हमेशा अपना एक ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहती थीं। इसलिए हमलोग उसका खर्च उठा रहे हैं और आजी अपने स्टूडेंट से मामूली फी लेकर कमाई कर सकती हैं और अपनी जिंदगी गुजार सकती हैं। वह चाहती थीं कि ओपनिंग के लिए मैं जाऊं। वो मुझे बेटा कहती हैं। मैंने उनसे वीडियो कॉले से संपर्क किया था।'
सोनू ने दिया टैलेंट को प्लेटफॉर्म
आपको बता दें कि जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तो सोनू सूद ने इंटरव्यू में कहा था,' जब आप ऐसे टैलेंट को देखते हैं, आप चाहते हैं कि यह दूसरे लोगों तक भी पहुंचे। इस उम्र में वह महिला इतने लोगों को प्रेरित कर सकती है, जिसमें लोग यह कहते सुने जाते हैं कि 'मेरी तो उमर हो गई है, मुझे कुछ नहीं करना।' मैंने सोचा कि उन्हें एक प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए और इस टैलेंट को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल से बेहतर क्या हो सकता है।'
अब भई ये कोई पहली दफा नहीं हैं कि सोनू सूद ने किसी की मदद की हो बल्कि इससे पहले भी वे कितने ही लोगों की मदद कर चुके हैं।