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रतन टाटा का Tata Family के साथ नहीं था खून का रिश्ता, फिर कैसे बन गए मालिक?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 10 Oct, 2024 09:45 AM
रतन टाटा का Tata Family के साथ नहीं था खून का रिश्ता, फिर कैसे बन गए मालिक?

नारी डेस्क: स्टील मैन के नाम से मशहूर रतन टाटा तो दुनिया से चले गए लेकिन अपने पीछे कई यादें छोड़ गए। उनके निधन के बाद कई तरह के सवाल भी मन में उठ रहे हैं कि वह अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए और टाटा ग्रुप की कमान किसके हाथ होगी। सबसे पहले तो हम यह बता दें कि रतन टाटा के पिता  का  ‘टाटा’ सरनेम से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं था। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से

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इस तरह बदली नवल टाटा की जिंदगी

बताया जाता है कि नवल टाटा का जन्म  होर्मुसजी के घर हुआ था। जब नवल टाटा 4 साल के हुए तब उनके पिता होर्मुसजी का 1908 में निधन हो गया। नवल की पढ़ाई और मदद के लिए उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय भिजवा दिया। जब वह 13 साल के हुए तब 1917 में सर रतन टाटा (सुविख्यात पारसी उद्योगपति और जनसेवी जमशेदजी नासरवान जी टाटा के पुत्र) की पत्नी नवाजबाई जेएन पेटिट पारसी अनाथालय पहुंची।   नवाजबाई को नवल बहुत पसंद आए और उन्हें अपना बेटा बनाकर गोद ले लिया. जिसके बाद ‘नवल’ टाटा परिवार से जुड़कर ‘नवल टाटा’ बन गए।  नवल, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पौत्र हो गए।  जब जेआरडी का उत्तराधिकारी चुनने की बारी आयी तो रतन टाटा सबसे योग्य व्यक्ति थे जो उनकी जगह ले सकते थे।


नवल टाटा ने की दो शादियां

बताया जाता है कि 1930 में जब नवल टाटा 26 साल के हुए तब वह टाटा संस ग्रुप से जुड़े और क्लर्क-कम-असिस्टेंट सेक्रेटरी की नौकरी हासिल की, इसके बाद तेजी से उनकी पदोन्नति होती गई। वह जल्द टाटा संस के असिस्टेंट सेक्रेटरी बन गए।  नवल टाटा ने दो शादियां की थीं, पहली पत्नी सूनी कॉमिस्सैरिएट और दूसरी सिमोन डुनोयर थी। सूनी कॉमिस्सैरिएट से उनके दो बच्चे रतन टाटा और जिमी टाटा हुए। 1940 में नवल टाटा का सूनी कॉमिस्सैरिएट से तलाक हो गया था. 1955 में नवल टाटा ने स्विट्जरलैंड की बिजनेसवूमन सिमोन से शादी की. जिनसे नियोल टाटा का जन्म हुआ। 

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तन टाटा के परिवार के सदस्य


जिमी टाटा: रतन टाटा के छोटे भाई हैं। जिमी टाटा एक प्राइवेट व्यक्ति हैं और रतन टाटा की तरह सार्वजनिक जीवन में नहीं रहे हैं। वह भी बिना विवाह किए हैं।

नोएल टाटा: रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। नोएल टाटा को टाटा समूह के विभिन्न हिस्सों में अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। वह टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं और उन्होंने टाटा ग्रुप की रणनीतिक गतिविधियों में भी योगदान दिया है। नोएल टाटा की पत्नी, आयशा टाटा ट्रस्ट की प्रमुख हैं।
  
लिआह टाटा: नोएल टाटा की सबसे बड़ी बेटी लिआह ने स्पेन के मैड्रिड में IE बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह 2006 से इस समूह से जुड़ी हुई हैं। वह टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट और सार्वजनिक ट्रस्ट में भी काम करती हैं।

माया टाटा: नोएल टाटा की छोटी बेटी ने अपना करियर टाटा समूह की प्रमुख फाइनेंशियल सर्विसेस- टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के रूप में शुरू किया था। 

नेविल टाटा: नेविल टाटा, नोएल टाटा और अलू मिस्त्री के दूसरे बेटे हैं। उन्होंने समूह की रिटेल चैन- ट्रेंट से अपनी करियर की शुरुआत की। इस साल की शुरुआत में, उन्हें टाटा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स के बोर्ड में भी जगह मिली।

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कौन है टाटा संस का चेयरमैन? 

रतन टाटा ने टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में 2012 में रिटायरमेंट ले लिया था, और उनके बाद सyrus Mistry को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, बाद में साइरस मिस्त्री को इस पद से हटा दिया गया, और 2017 में एन. चंद्रशेखरन को टाटा समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया। एन. चंद्रशेखरन वर्तमान में टाटा संस के चेयरमैन हैं। उन्होंने टाटा समूह के तहत कई कंपनियों की जिम्मेदारी संभाली है और समूह को आगे बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। वह पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीईओ थे और उन्हें एक अनुभवी और सक्षम प्रशासक माना जाता है।

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रतन टाटा के उत्तराधिकारी

रतन टाटा के बादटाटा ट्रस्ट (जो कि टाटा संस की प्रमुख होल्डिंग कंपनी है) टाटा समूह का सबसे बड़ा मालिकाना अधिकार रखता है। टाटा समूह की वास्तविक निर्णय लेने की शक्ति टाटा ट्रस्ट्स के पास है। हालांकि रतन टाटा ने बहुत पहले ही व्यवसायिक प्रबंधन से खुद को दूर कर लिया था, लेकिन उनका प्रभाव और मार्गदर्शन अभी भी समूह की दीर्घकालिक दिशा में महत्वपूर्ण रहा है। बताया जा रहा है कि  टाटा ट्रस्ट और टाटा संस की बोर्ड के सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से टाटा समूह की कमान का नेतृत्व तय किया जाएगा। फिलहाल, एन. चंद्रशेखरन टाटा समूह के प्रमुख हैं और उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह संभावना है कि वे समूह को आगे ले जाएंगे।

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