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जानवर के काटने पर तुरंत करें ये काम, WHO की गाइडलाइन में बताया बचाव का तरीका

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 21 Jul, 2025 02:33 PM
जानवर के काटने पर तुरंत करें ये काम, WHO की गाइडलाइन में बताया बचाव का तरीका

नारी डेस्क: रेबीज एक खतरनाक बीमारी है जो जानवरों से इंसान में फैलती है। हाल ही में नेशनल कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की मौत भी इसी बीमारी के कारण हुई, जब उन्हें एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था। उन्होंने समय पर वैक्सीन नहीं लगवाई, जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। यह मामला पूरे देश में रेबीज से बचाव और जागरूकता की जरूरत को रेखांकित करता है।

रेबीज क्या है और कैसे फैलती है?

रेबीज वायरस जानवरों खासकर कुत्तों, बिल्ली, और कुछ जंगली जानवरों से फैलती है। यह मुख्य रूप से काटने या खरोंचने के जरिए इंसान में आती है। रेबीज से संक्रमित जानवरों के लार के संपर्क में आने से यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी में मरीज के दिमाग और नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे मौत भी हो सकती है।

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देश में हालात कितने गंभीर हैं?

कर्नाटक में पिछले छह महीनों में 2.5 लाख से ज्यादा कुत्ते के काटने के मामले सामने आए हैं और 19 लोगों की रेबीज से मौत हुई है। पूरे भारत में सालाना करीब 22 लाख लोग कुत्ते या अन्य जानवरों के काटने के शिकार होते हैं। कुछ लोग इलाज के बजाय झाड़-फूंक जैसे गैर-वैज्ञानिक तरीके अपनाते हैं, जिससे जान को बड़ा खतरा होता है।

पालतू जानवरों का वैक्सीनेशन कैसे करें?

पालतू कुत्ते और बिल्ली को पहली बार तीन महीने की उम्र में रेबीज की वैक्सीन लगवानी चाहिए। एक साल के अंदर बूस्टर डोज देना अनिवार्य है। WHO और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अनुसार, रेबीज वैक्सीन की वैधता एक साल की होती है, इसके बाद दोबारा वैक्सीनेशन करवाना जरूरी होता है।

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कुत्ते या अन्य जानवर के काटने पर क्या करें?

तुरंत नजदीकी अस्पताल या क्लिनिक जाएं। काटे गए स्थान को कम से कम 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोएं। डॉक्टर से संपर्क कर वैक्सीन और इलाज जरूर कराएं। काटने वाले जानवर को 10 दिन तक निगरानी में रखें। अगर जानवर स्वस्थ रहता है, तो रेबीज का खतरा कम होता है। अगर जानवर बीमार दिखे, लापता हो जाए या मर जाए, तो पूरी वैक्सीन किट लगवाएं।

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रेबीज के लक्षण क्या होते हैं?

काटे गए हिस्से में दर्द, सूजन या सुन्नपन

बुखार और ठंड लगना

सिरदर्द और बेचैनी

सांस लेने में दिक्कत

व्यवहार में बदलाव और घबराहट

ग्लासोफोबिया (पानी से डर)

डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?

झारखंड के पब्लिक हेल्थ डॉक्टर अनुज कुमार कहते हैं कि रेबीज एक गंभीर बीमारी है और इसका इलाज समय पर न होने पर जानलेवा हो सकती है। इसलिए जानवर के काटने के बाद तुरंत चिकित्सा सहायता लें। अगर कोई स्ट्रीट डॉग या आवारा जानवर संदिग्ध लगे या उसका व्यवहार असामान्य हो, तो सावधानी बरतें।

रेबीज बीमारी लाइलाज और जानलेवा हो सकती है, लेकिन समय पर इलाज और वैक्सीनेशन से बचाव संभव है। अगर किसी जानवर ने काटा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सफाई-स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। इस बीमारी को नजरअंदाज करना आपकी जान के लिए खतरा साबित हो सकता है।

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अगर आपको या आपके परिवार में किसी को जानवर ने काटा है, तो तुरंत अस्पताल जाकर इलाज करवाएं और वैक्सीन लेना न भूलें। यही आपकी सुरक्षा की सबसे अच्छी गारंटी है।  

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