ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पिछले काफी समय से बीमार थी और कल वो 96 साल की उम्र में दुनिया से चल बसीं। 25 साल की उम्र में राजशाही संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ को उनकी कई बातों के लिए याद रखा जाएगा। उनकी लवस्टोरी भी दिल छू लेने वाली है। वे 13 साल की उम्र में ग्रीस के राजकुमार प्रिंस फिलिप को अपना दिल दे बैठी थी। प्रिंस फिलिप की सादगी उन्हें इस कदर पसंद आई थी कि वे खुद को उन्हें प्यार करने से नहीं रोक पाई। वही प्रिंस फिलिप भी महारानी एलिजाबेथ से बेइंतहा प्यार करते थे उन्होंने भी महारानी के अलावा कभी किसी के बारे में नहीं सोचा।
13 साल की उम्र में प्रिंस फिलिप को दिल दे बैठी थी क्वीन एलिजाबेथ
18 साल की उम्र में फिलिप माउंटबेटेन रॉयल नेवी में करियर बनाने के लिए लंदन कॉलेज पहुंचे। इसी कॉलेज में एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज भी पढ़े थे। 13 साल की एलिजाबेथ जिस समय नेवी कॉलेज का दौरा करने गई थी तब उनकी मुलाकात प्रिंस फिलिप से हुई थी। पहली मुलाकात में ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। महारानी एलिजाबेथ की नैनी मैरियॉन क्रॉफर्ड ने अपनी किताब, 'द लिटिल प्रिंसेज' में लिखा था कि जब कभी भी एलिजाबेथ प्रिंस फिलिप को देखती थीं, शर्म के मारे लाल हो जाती थीं। वह चाहकर भी अपनी निगाहें प्रिंस फिलिप से हटा नहीं पाती थी। एलिजाबेथ के पिता को भी लगता था कि प्रिंस फिलिप ही उनकी बेटी के लिए सही पुरुष है।
कई सालों तक दोनों एक-दूसरे को लव-लेटर लिखते रहे। द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त जब प्रिंस ब्रिटेन की तरफ से लड़ रहे थे उस वक्त भी एलिजाबेथ अपने प्यार का इजहार लेटर के जरिए करती। साल 1946 में प्रिंस फिलिप पैसेफिक थिएटर से लौटे तो दोनों का रिश्ता आगे से और भी मजबूत हो गया। इसी साल जून में प्रिंस फिलिप ने महारानी को शादी के लिए प्रपोज किया। उन्होंने बाल्मोर ग्राउंड पर एलिजाबेथ को शादी के लिए प्रपोज किया और वह उसे ना नहीं कर पाई।
प्रिंस फिलिप ने महारानी को प्रपोज भी एक चिट्ठी लिखकर किया था। प्रिंस फिलिप ने लिखा था, 'युद्ध में जिंदा बचने और जीत देखने के बाद मुझे यह मौका मिला है कि मैं आराम कर सकूं। किसी के साथ पूरी तरह से और सादगी के साथ प्यार में होने से अपनी तकलीफें और दुनियाभर की मुश्किलें बहुत छोटी लगने लगती हैं।'
दोनों की शादी को लेकर लोगों ने जताई थी आपत्ति
जुलाई 1947 में जब एलिजाबेथ 21 साल की हुई तो प्रिंस फिलिप के साथ उनकी सगाई का ऐलान कर दिया गया। एलिजाबेथ से शादी के लिए प्रिंस फिलिप ने ग्रीक और डेनमार्क की राजशाही को ठुकरा दिया था। नवंबर 1947 में दोनों की शादी हो गई हालांकि इनकी शादी पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी।
कई लोगों का मानना था कि प्रिंस फिलिप जर्मन और ग्रीक हैं और वह महारानी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो एलिजाबेथ के परिवारवाले प्रिंस फिलिप को किन्हीं वजहों के चलते पसंद नहीं करते थे। बताया जाता है कि महारानी की शादी में उनकी बहनों को भी नहीं बुलाया गया था। यही नहीं, राजकुमारी के ताऊ व विंडसर के ड्यूक, जो पहले राजा एडवर्ड अष्टम थे को भी इस विवाह में नहीं बुलाया गया था।
भले ही प्रिंस फिलिप और क्वीन एलिजाबेथ को एक होने में काफी मुश्किल हुई लेकिन उन्होंने कभी भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। दोनों 75 साल तक साथ रहे। दोनों का रिश्ता प्यार और सम्मान पर टिका था। दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे और साथ रहते थे। शाही परिवार के करीबियों की मानें तो जब 99 साल की उम्र में जब प्रिंस फिलिप का निधन हो गया तो क्वीन एलिजाबेथ खुद को काफी अकेला महसूस करने लगी थीं। उनके मुताबिक, प्रिंस फिलिप ही उनकी असली ताकत थे।
बता दें कि क्वीन एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार 10 दिन बाद किया जाएगा। एलिजाबेथ की मौत के बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए महाराजा है।