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शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है Pregnancy Stress, ऐसे रहें टेंशन फ्री

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 31 Aug, 2021 04:22 PM
शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है Pregnancy Stress, ऐसे रहें टेंशन फ्री

प्रेगनेंसी में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं का मिजाज बिगड़ सकता है। इससे मानसिक संरचना प्रभावित हो सकती है, जिससे आप चिंता महसूस करती हैं। थोड़ी-सी चिंता, हताशा और अवसाद ठीक है लेकिन प्रेगनेंसी में अधिक तनाव लेनी सही नहीं है। अगर आप बहुत अधिक तनाव, घबराहट, जी मचलाना, सिरदर्द महसूस कर रही हैं तो यह चिंता का कारण है।

प्रेगनेंसी में तनाव के कारण

हर महिला में तनाव के कारण अलग-अलग होते हैं। कुछ होने वाली माताओं के लिए गर्भवती होना अपने आप में तनावपूर्ण होता है। उन्हें नियंत्रण में रहना और शारीरिक परिवर्तनों को प्रबंधित करना कठिन लगता है।

. गर्भावस्था के लक्षण जैसे मतली, कब्ज, सुस्ती या शरीर में दर्द के कारण
. हार्मोनल उतार-चढ़ाव
. नौकरी, गर्भावस्था और घर के कामों में तालमेल बिठाने का स्ट्रेस
. घरेलू दुर्व्यवहार या व्यक्तिगत मुद्दे
. शारीरिक या मानसिक शोषण
. किसी बीमारी के कारण
. फैमिली हिस्ट्री
. प्रसव पीड़ा, मां बनने की चिंता, उदासी
. भरपूर नींद या शारीरिक आराम ना मिलने के कराण
. धूम्रपान, शराब और नशीली दवाओं का सेवन

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चलिए अब आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लेने से क्या-क्या नुकसान होगा

अजन्मे बच्चे पर भी पड़ सकता है असर

लंबे समय रहने वाला तनाव हाई ब्लड प्रेशर व दिल के रोगों का कारण बन सकता है। प्रेगनेंसी में तनाव के कारण प्रीमौच्योर डिलीवरी (गर्भावस्था के 37 हफ्ते पहले जन्म) या कम वजन वाले बच्चे (5 पाउंड, 8 औंस से कम वजन) होने की संभावना बढ़ सकती है।

क्या प्रेगनेंसी में हानिकारक तनाव और चिल्लाना?

प्रेगनेंसी के दौरान तनाव या अधिक चिल्लाने से बच्चे की सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। एक शोध के मुताबिक, वहीं एक गर्भवती महिला पर चिल्लाने से उन्हें स्थाई नुकसान हो सकता है। साथ ही इससे महिला की मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।

क्या शिशु को हो सकती है विकलांगता?

शोध के मुताबिक, तनावग्रस्त, चिंतित या उदास रहने से बच्चे को भावनात्मक, एडीएचडी, आचरण विकार सहित कई तरह की समस्याएं होने का खतरा होता है।

क्या गर्भ में पल रहे शिशु भी तनाव महसूस कर सकता है?

एक्सपर्ट की मानें तो जो महिलाएं पहली तिमाही के दौरान अधिक तनाव, अवसाद और चिड़चिड़ापन अनुभव करती हैं, उनके शिशु के स्वभाव और न्यूरोबिहेवियरल विकास पर असर पड़ता है। साथ ही इससे शिशु भी तनाव महसूस करता है।

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जेस्‍टेशनल डायबिटीज

इसके अलावा गंभीर, लंबे समय तक चलने वाले तनाव का अगर इलाज न किया जाए तो हाई ब्लड प्रेशर, कमजोर इम्यूनिटी, डिप्रेशन और जेस्‍टेशनल डायबिटीज का खतरा रहता है।

तनाव से कैसे बचें?

. प्रेगनेंसी में तनाव से बचने के लिए योग व एक्सरसाइज करें, अच्छा खाएं-पीएं और भरपूर पानी पीएं।
. दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी पीएं।
. मुट्ठीभर नट्स, फल व हरी सब्जियां खाएं।
. पॉजिटिव किताबें पढ़ें और अपना पसंदीदा म्यूजिक सुनें। साथ ही अपना पसंदीदा काम करें।
. परिवार व पार्टनर के साथ समय बिताएं और अपनी भावनाओं को शेयर करें।

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