नारी डेस्कः पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पूरी प्रेगनेंसी में कई तरह के अनुभव मिलते हैं हालांकि पहली बार शरीर में नए नए बदलाव कई बार महिला की समझ से बाहर भी हो जाते है। वहीं डिलीवरी को लेकर भी उनके मन में कई तरह के सवाल रहते है कि अगर उन्हें लेबर पेन का कैसा पता चलेगा। डिलीवरी के कितने दिन पहले उन्हें दर्द होगा या दर्द कितनी देर तक रहता है। चलिए ऐसे ही कई सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल के जरिए देने की कोशिश करते हैं।
लेबर पेन का समय कब शुरू हो सकता है?
वैसे आमतौर पर प्रसव की तारीख, डॉक्टर की बताई तारीख के 2 हफ्ते पहले से लेकर 2 हफ्ते बाद तक में शुरू हो सकती है। जब लेबरपेन शुरू होती है तो पीठ में दर्द और माहवारी जैसी ऐंठन महसूस होती है। समय के साथ दर्द तेज होता जाता है और ऐसा कम अंतराल पर होने लगता है।
आम तौर पर, लेबर पेन, प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से 40वें सप्ताह के बीच शुरू होती है।लेकिन अगर प्रैग्नेंसी के 37वें हफ्ते से पहले प्रसव पीड़ा हो तो यह समय से पहले लेबर पेन का संकेत है। अगर गर्भवती महिला को किसी भी समय लगातार संकुचन जैसा महसूस हो तो गाइनाकोलोजिस्ट को दिखाना जरूरी है।
प्रसव पीड़ा के दौरान नजर आने वाले लक्षण
कमर में लगातार कसाव और हल्का-हल्का दर्द होना।
पेट के निचले हिस्से में ऐंठन जैसा महसूस होना जैसे मासिक धर्म में होता है।
योनि पर लगातार दबाव बढ़ना।
योनि से सफेद, चिपचिपा बलगम जैसे डिस्चार्ज होना। कई बार योनि से रक्तस्त्राव भी होने लगता है।
भ्रण की हलचल कम होना।
फ्लू जैसे लक्षण जैसे मतली और उल्टी
भ्रूण की हलचल में कमी
यूरिन ब्लैडर, आंतों पर प्रैशर जैसा महसूस होता है।

बच्चेदानी का मुंह डिलीवरी के कितने दिन पहले खुलता है?
यह सवाल भी बहुत सारी गर्भवती महिलाओं के दिमाग में आता है कि डिलीवरी के कितने दिन पहले बच्चेदानी का मुंह खुलने लगता है तो बता दें कि नौवें महीने में प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद बच्चेदानी का मुंह खुलने में 10-14 घंटे लगते हैं हालांकि दूसरी बार डिलीवरी हो रही है तो यह समय 6-8 घंटे का होता है।
बच्चेदानी का मुंह खुलने पर भी कुछ लक्षण दिखते हैं। जैसे गर्भाशय की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है।
पानी की थैली फट जाती है।
पीठ और पेट में तेज दर्द महसूस होना (ऩिचले हिस्से में)
शिशु का सिर नीचे की ओर खिसकने लगता है।
वेजाइना से हल्का खून या म्यूकस (चिपचिपा पदार्थ) का निकलता है।
बच्चेदानी का मुंह खोलने के लिए क्या करें?
प्रेगनेंसी में डिलीवरी का समय नजदीक आने पर बच्चेदानी का मुंह खोलने के लिए कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं लेकिन एक्सपर्ट की सलाह और निगरानी में जैसेः कीगल एक्सरसाइज, बटरफ़्लाई एक्सरसाइज़, बर्थिंग बॉल एक्सरसाइज़, वॉकिंग, स्ट्रेचिंग, डक वॉकिंग आदि। नौवें महीने में खजूर खाने से बच्चेदानी का मुंह खुलने में मदद मिलती है। एक गिलास दूध में 3 से 4 खजूर डालें अच्छे से गर्म करें और इसका सेवन करें लेकिन यह उपाय फॉलो करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

कैसे पता चलेगा डिलीवरी नार्मल होगी या सिजेरियन?
यह गर्भावस्था के दौरान शिशु की स्थिति, प्लेसेंटा की स्थिति, गर्भवती की हालत और गर्भाशय की स्थिति के आधार पर यह तय होता है कि डिलीवरी नॉर्मल होगी या सिजेरियन हालांकि नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन के कुछ संकेत नजर आ सकते हैं।
नॉर्मल डिलीवरी के संकेत
प्रेगनेंसी के 30-34वें सप्ताह में बच्चा सिर के बल नीचे की ओर आ जाए।
गर्भवती को ब्लैडर पर दवाब बने। बार-बार पेशाब आने लगे।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन हो।
योनि से सफ़ेद, गुलाबी, या खून जैसा तरल पदार्थ निकलने लगे।
प्रेगनेंसी में ऐसी स्थिति सिजेरियन डिलीवरी का संकेत
बच्चा उल्टा या आड़ी पोजिशन में होना।
गर्भ में पानी का लेवल बहुत ज्यादा या कम होना।
बच्चे का वजन बहुत ज्यादा होना।.
गर्भाशय की पहले कोई सर्जरी की स्थिति में या पहले कई बार सिजेरियन डिलीवरी हो चुकी हो तो।
पहले गर्भाशय फटने का कोई इतिहास हो। ज्यादा जानकारी प्रेगनेंसी के दौरान इलाज करने वाली गाइनोकोलोजिस्ट ही बता सकती है क्योंकि वह गर्भवती की स्थिति पर शुरू से नजर बनाए होती है।
डिस्केलमरः इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ इसका मकसद सिर्फ़ जानकारी देना है। प्रेगनेंसी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए पेशेवर डॉक्टर से बात करें।