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Nari

बच्चों को "ना" कहना भी सीखें माता-पिता, साइकोथेरेपिस्ट ने समझाए ये आसान तरीके

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 09 Sep, 2025 06:59 PM
बच्चों को

नारी डेस्क: बच्चों को हर चीज़ पर हां कहना सही नहीं होता। कई बार ना कहना ज़रूरी होता है ताकि वे सही-गलत समझ सकें और अनुशासन सीखें। लेकिन "ना" कहने का तरीका बहुत मायने रखता है। साइकोथेरेपिस्ट के अनुसार ये 4 कोमल (gentle) और assertive तरीके अपनाकर माता-पिता बच्चों को आसानी से मना कर सकते हैं –


स्पष्ट और शांत स्वर में "ना" कहें

बच्चों को डांटकर या चिल्लाकर "ना" कहने से वे ज़िद करेंगे।  बेहतर है कि शांत और प्यार भरे स्वर में समझाएं – “अभी चॉकलेट नहीं खा सकते, लेकिन रात के खाने के बाद खा सकते हो।”*


विकल्प (Alternative) दें

 जब आप किसी चीज़ के लिए "ना" कहें, तो बच्चों को एक विकल्प ज़रूर दें। इससे बच्चा निराश नहीं होगा। जैसे- “आज बाहर खेलने नहीं जा सकते, लेकिन घर पर लूडो खेल सकते हैं।”


कारण बताएं (Explain the Reason)

सिर्फ "ना" कहने के बजाय, उसके पीछे का  कारण बच्चों को बताएं। बच्चे जब कारण समझते हैं तो आसानी से मान जाते हैं। जैसे- “ज्यादा मोबाइल देखने से आंखें खराब होती हैं, इसलिए अभी मोबाइल नहीं मिलेगा।”

 
नियम पहले से तय करें

घर में कुछ स्पष्ट नियम बना लें और बच्चों को पहले से बता दें। जैसे – “होमवर्क पूरा होने के बाद ही टीवी देख सकते हो।”  इससे "ना" कहने की स्थिति कम बनेगी। "ना" कहना भी बच्चों की परवरिश का हिस्सा है। अगर माता-पिता शांत, कोमल और दृढ़** होकर "ना" कहेंगे तो बच्चे इसे अस्वीकार नहीं करेंगे और धीरे-धीरे अनुशासन व संयम सीखेंगे।
 

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