कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है वहीं वैज्ञानिक जल्द से जल्द वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं। इसी बीच, कोरोना के इलाज के लिए नई-नई दवाएं लॉन्च हो रही है। वहीं, अब कोविड-19 के इलाज के लिए Steroid (स्टेरॉयड) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो काफी कारगार भी साबित हो रहा है।
WHO ने जारी की नई एडवायजरी
दरअसल, WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, स्टेरॉयड कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में काफी फायदेमंद साबित हो रही है। इसे कई देशों में गंभीर लक्षण वाले कोरोना मरीजों को दिया गया था, जिसके रिजल्ट काफी पॉजिटिव निकलें। इसके बाद WHO ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए डॉक्टरों को स्टेरॉयड को इलाज में शामिल करने के लिए कहा गया। बता दें कि आमतौर पर Steroid का इस्तेमाल बॉडी बिल्डिंग बनाने वाले लोगों पर किया जाता है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं भी है कारगार
वहीं, WHO के मुताबिक, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या एनाबॉलिक (स्टेरॉयड का ही एक रूप) से मौत का खतरा 20% तक कम रहता है। यही वजह है कि 7 इंटरनेशनल टेस्ट के बाद इस दवा को भी मंजूरी दे दी गई है। वहीं टेस्टिंग में हाइड्रोकार्टिसोन, डेक्सामेथासोन और मेथिलप्रेडिसोलोन जैसी स्टेरॉयड दवाओं का यूज भी किया गया था। हालांकि इन दवाओं की टेस्टिंग सिर्फ उन्हीं मरीजों पर की गई है, जो गंभीर स्थिति में है। शोध के अनुसार, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवा से मौत का आंकड़ा 68% कम हुआ है।
बेहद सस्ता है स्टेरॉयड
वहीं, स्टेरॉयड की बात करें तो यह ज्यादा महंगी नहीं है और यह मार्केट में आसानी से मिल भी जाएगी। वहीं, चीन, ब्रिटेन, कनाडा, ब्राजील, स्पेन, फ्रांस, और अमेरिका में हुए शोध में इसके पॉजिटिव रिजल्ट मिले है। शोध के मुताबिक, यह हर उम्र के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
क्या है स्टेरॉयड?
स्टेरॉयड शरीर के अंदर खुद ब खुद बनने वाला एक तरह का केमिकल होता है। हालांकि इसे इंजेक्शन के जरिए ऊपरी तौर पर भी लिया जाता है। सिर्फ बॉडी बनाने ही नहीं बल्कि मांसपेशियों का विकास और कई बीमारियों का इलाज करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
स्टेरॉयड दवाएं कई अलग-अलग रूपों में ली जा सकती हैं जैसे
-गोलियां, सिरप और तरल पदार्थ जैसे प्रेडनिसोलोन।
-इनहेलर्स और नाक में डालने वाले स्प्रे (बीक्लोमेटासोन व फ्लुटाइकसोन)।
-इंजेक्शन, जो जोड़ों, मांसपेशियों या रक्त कोशिकाओं में दिए जाते हैं।
-क्रीम, लोशन और जैल (हाइड्रोकोर्टिसोन) के रूप में भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव
. इसका अधिक इस्तेमाल मनोवैज्ञानिक समस्याएं बढ़ा सकता है।
. यह एक ड्रग की तरह होता है, जिसे एक बार लेने के बाद लोगों को इसकी लत भी लग सकती है।
. इसका इस्तेमाल बंद करने पर मांसपेशियों की दिक्कतें हो सकती है
. कमजोर हड्डियां और मोतियाबिंद की समस्या।
. लंबे समय तक इसका इस्तेमाल खांसी-जुकाम की संभावना बढ़ता है। हालांकि यह सिर्फ दवा बंद करने के बाद होती है।
इन बीमारियों के इलाज में दी जाती है कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवाएं
-आर्थराइटिस
-अस्थमा
-ऑटोम्यून्यून डिजीज, लुपस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस
-एक्जिमा और त्वचा पर चकत्ते पड़ना
-इसके अलावा कुछ प्रकार के कैंसर इलाज में भी यह दवा दी जाती है।
स्टेरॉयड बहुत स्ट्रांग दवाएं होती हैं इसलिए एक्सपर्ट व डॉक्टर से सलाह लिए बिना इसका इस्तेमाल ना करें। जितना संभव हो कम समय तक ही इसका सेवन करें। सेहत से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए 'नारी केसरी ' के साथ जुड़े रहें।